ADHD in Youth : ADHD यानी अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर, बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है लेकिन आजकल एडल्ट्स भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. यह एक ऐसा मेंटल डिसऑर्डर है, जिसमें दिमाग का ग्रोथ सामान्य इंसान की तुलना में धीरे या ठीक से नहीं होता है. इस डिसऑर्डर में युवाओं को किसी चीज पर फोकस करने में कठिनाई और बेचैनी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. 


ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी वेक्सनर मेडिकल सेंटर और कॉलेज ऑफ मेडिसिन की एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि करीब 25% एडल्ट्स में एडीएचडी हो रही है, मतलब हर चार में एक युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं. 18 से 44 साल की उम्र के 4.4% लोगों को एडीएचडी हैं. ऐसे में जानिए यह बीमारी क्या है और युवाओं को क्यों शिकार बना रही है...




एडल्ट्स में ADHD का कारण




1. सोशल मीडिया का बहुत ज्यादा इस्तेमाल




2. जेनेटिक कारण




3. ब्रेन की बनावट




4.  प्रेगनेंसी में धूम्रपान, शराब का सेवन, चिंता तनाव, 




5. डिलीवरी के समय ऑक्सीजन की कमी, बच्चों का बहुत ज्यादा टीवी-मोबाइल देखना




6.  प्रदूषण जैसे पर्यावरणीय कारण




7. हेल्दी न्यूट्रिशन और डाइट




8. मानसिक तनाव




9. नींद की कमी




10. फिजिकल एक्टिविटीज की कमी





एडल्ट्स में ADHD के लक्षण




1. काम से बार-बार ध्यान हटना, किसी चीज पर फोकस न कर पाना.




2. कुछ मामलों में मरीज काम पर ज्यादा ही फोकस करने पर कुछ गलती न हो जाए, जरूरी जानकारी न छूट जाए, इसका डर लगना.




3. भूलने की समस्या




4. बातचीत के बीच में ज्यादा टोकना या बोलना, किसी बात पर एकदम से रिएक्शन




5. खुद को लेकर निगेटिव सोच रखना




6. मैनेजमेंट स्किल्स का अच्छा न होना, कोई सामान कहीं रखकर भूल जाना, कमरे, घर या डेस्क को सही तरह न रख पाना




7. टाइम मैनेज न कर पाना




8. एंग्जाइटी, दिमाग का शांत न रहना, हमेशा चिड़चिड़ापन और मूड खराब रहना




9. 2013 की एक स्टडी के अनुसार, ADHD के मरीज अपनी फिजिकल हेल्थ और खानपान पर सही तरह ध्यान नहीं दे पाते हैं, दवा भी सही तरह नहीं ले पाते हैं.




10. 2014 की एक रिसर्च के मुताबिक, शराब, तंबाकू और ड्रग्स से यह बीमारी नहीं होती है लेकिन इसकी वजह से इनकी आदतें जल्दी फंस जाते हैं.


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ADHD का इलाज क्या है




1. कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.




2. ADHD माइल्ड होने पर कॉगनिटिव बिहेविरियल थैरेपी डॉक्टर देते हैं.




3. स्ट्रेस मैनेज करने की कोशिश करें, योग-मेडिटेशन करें.




4. पोषक तत्वों से भरपूर चीजें लें.




5. समय पर सोने और उठने की कोशिश करें, नींद पूरी करें.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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