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Mood Swings: जरा-जरा सी बात पर बदल रहा है मूड, हल्के में न लें, नॉर्मल नहीं है रैपिड मूड स्विंग
मूड का स्विंग होना बेहद खतरनाक हो सकता है. कई लोग इसे नॉर्मल समझकर हल्के में लेते हैं जो मेंटल हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है. अगर इसके लक्षणों को सही समय पर समझ लिया जाए तो इलाज हो सकता है.
Mood Swings : बार-बार मूड बदलना खतरनाक हो सकता है. इससे मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित हो सकती है. रैपिड मूड स्विंग्स होने पर कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. ऐसा बायपोलर डिसऑर्डर, डिप्रेशन और अन्य तरह की मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए समय पर इसका इलाज जरूरी हो जाता है. इसके लिए सबसे जरूरी इसके लक्षणों और कारणों को समझना. तो चलिए जानते हैं इसके बारें में...
क्या होता है मूड स्विंग
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक मूड स्विंग होना कोई मेंटन डिसऑडर (mental disorder) नहीं है. ये समस्या किसी को भी हो सकती है. कई बार खुद को दूसरों से कंपेयर करने, आसपास के माहौल और हार्मोनल इंबैलेंस के कारण बार बार इस समस्या से होकर गुज़रना पड़ता है. अक्सर महिलाओं को पीरियड्स, मेनोपॉज और प्रेगनेंसी के दौरान मूड स्विंग (mood swing) से होकर गुज़रना पड़ता है. इस समस्या से बचने के लिए सेल्फ केयर सबसे ज़रूरी है. इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखें.
मूड स्विंग के लक्षण
सामान्य से ज्यादा बात करना और फिर अचानक से एकदम शांत हो जाना
चिड़चिड़ापन या बहुत ज्यादा उत्साहित हो जाना
ज्यादा एनर्जी या इंटेंसिटी से गोल ओरिएंटेड एक्टिविटी पर फोकस्ड हो जाना
सामान्य से कम नींद लेना
बहुत जल्दी रोने और फिर हंसने लगना
रैपिड मूड स्विंग्स का कारण क्या है
1. मेंटल हेल्थ कंडीशन
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मेंटल हेल्थ कंडीशन की वजह से बार-बार मूड स्विंग हो सकता है. बायपोलर डिसऑर्डर भी इनमें से ही एक है. इस डिसऑर्डर की चपेट में आने के बाद पलभर में खुशी और पलभर में दुख होने लगते हैं. ऐसा लंबे समय तक भी चल सकता है.
2. डिप्रेशन
लंबे समय तक डिप्रेशन में रहने वाले लोगों में रैपिड मूड स्विंग होने की समस्या हो सकती है. इसलिए डॉक्टर ज्यादा तनाव लेने से बचने की सलाह देते हैं, क्योंकि इसकी वजह से कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं.
3. हार्मोन का असंतुलित होना
रैपिड मूड स्विंग्स का एक कारण हार्मोंस का बैलेंस न होना भी हो सकता है. दरअसल, हार्मों का काम शरीर की कई प्रक्रियाओं को कंट्रोल करना है. इसमें इमोशंस भी शामिल हैं. ऐसे में जब ये हार्मोंस असंतुलित होते हैं तो मूड स्विंग हो सकता है.
4. थायरॉइड
थायरॉइड की वजह से भी रैपिड मूड स्विंग की समस्या हो सकती है. इसकी वजह से सेंट्रल नर्वस सिस्टम प्रभावित हो सकता है. जिससे मूड शिफ्ट होने लगता है. इसलिए थाइरॉइड कंट्रोल करने की कोशिश करनी चाहिए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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