Stress Buster Foods: आउट ऑफ़ कंट्रोल हो रहा है स्ट्रेस, तो डाइट में शामिल कर लें ये फ़ूड, Cortisol Level को कंट्रोल करने में करेंगे मदद
tress Control Foods : एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कोर्टिसोल सुबह के वक्त शरीर को नींद से जागने में मदद करता है. इससे ऊर्जा मिलती है. जब हम सुबह उठते हैं तो करीब 1 घंटे तक यह अपने हाई लेवल पर होता है.
Stress Control Foods: दिनभर की भागदौड़, काम का प्रेशर और बदलती लाइफस्टाइल-खानपान की वजह से आज ज्यादातर लोगों पर स्ट्रेस हावी हो रहा है, जो सेहत के लिए नुकसानदायक है. जब भी कोई तनाव में होता है तो उसका कोर्टिसोल लेवल (Cortisol Level) बढ़ जाता है, जो हार्ट की सेहत और पाचन के लिए ठीक नहीं माना जाता है. इसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ सकता है, इम्यूनिटी भी प्रभावित हो सकती है. मतलब साफ है कि इसका असर ओवरऑल हेल्थ पर पड़ सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, तनाव अच्छा या बुरा दोनों हो सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं इससे बचने के लिए क्या-क्या करना चाहिए...
क्या शरीर को कोर्टिसोल की जरूरत
डाइटिशियन अंजू विश्वकर्मा बताती हैं कि, कोर्टिसोल शरीर के लिए बेहद जरूरी हार्मोन है लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा भी खतरनाक होती है. कोर्टिसोल ज्यादा होने पर शरीर के बाकी हार्मोंस को प्रभावित कर सकता है. उनका कहना है कि कोर्टिसोल सुबह के वक्त शरीर को नींद से जागने में मदद करता है. इससे ऊर्जा मिलती है. जब हम सुबह उठते हैं तो करीब 1 घंटे तक यह अपने हाई लेवल पर होता है. हर समय तनाव में रहने का मतलब है कि कोर्टिसोल का लेवल हाई है. इससे कई समस्याएं हो सकती हैं.
कोर्टिसोल लेवल हाई होने से क्या नुकसान
1. बहुत ज्यादा वजन बढ़ सकता है.
2. चिड़चिड़ापन हो सकता है.
3. याददाश्त कमजोर हो सकती है.
4. दिमागी भ्रम हो सकता है.
5. उम्र तेजी से बढ़ सकता है.
कोर्टिसोल लेवल बढ़ने के लक्षण
1. काम का प्रेशर महसूस होना
2. लगातार थकान महसूस होना
3. सोने में कठिनाई या नींद में खलल
4. चिंता या घबराहट होना
5. जो चीज कंट्रोल में नहीं है, उसकी चिंता होना
6. क्रोध या आवेश आना, बार-बार चीखना-चिल्लाना
7. याददाश्त कमजोर होना या विचलित हो जाना
8. अपच, अल्सर या गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज
9. चोट से उबरने में ज्यादा मुश्किल होना
10. हाई ब्लड प्रेशर या धड़कनों का तेज होना
11. भूख लगने का पैटर्न बिगड़ना
कोर्टिसोल को संतुलित कैसे करें
1. विटामिन बी1, बी5, बी6, बी12) को खाने में शामिल करें.
2. विटामिन सी और टायरोसिन को अपनी डाइट में शामिल करें.
3. फॉस्फेटिडिलसेरिन (PS) ले सकते हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स की सलाह पर
4. रोजाना मछली के तेल का इस्तेमाल करें.
5. कैफीन और अल्कोहल से दूरी बनाएं.
6. ग्लूटेन और डेयरी जैसे फूड्स को बैलेंस में ही लें या अवॉयड करें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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