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Mental Health Tips: बच्चों में तेजी से बढ़ रही मानसिक बीमारी, हो सकती है आपके लाडले के लिए घातक, इस तरह बचाएं
Health Tips: बच्चों को मानसिक बीमारी से बचाने में सबसे अहम रोल पैरेंट्स का होता है.आइए जानते हैं ऐसे टिप्स, जिनकी मदद से बच्चों को मेंटल प्रॉब्लम्स से बचाया जा सकता है...
Child Mental Health : भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव लाइफ का हिस्सा बनता जा रहा है. हर उम्र के लोग स्ट्रेस और डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. बच्चों पर इसका ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. इसलिए जरूरत है बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मेंटल हेल्थ पर भी ध्यान देने की. कई बार बच्चों में मानसिक बीमारी बढ़ती जाती है और बाद में वो गंभीर समस्या बन जाती है. इसलिए पैरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चे का मानसिक स्तर को समझने का प्रयास करें और जहां तक संभव हो, उनका सपोर्ट करें. आइए जानते हैं बच्चों को मानसिक बीमारी से बचाने के खास टिप्स..
बच्चों पर मानसिक बीमारी का असर
मानसिक बीमारियों से जहां लंबे समय तक तनाव में रहने वाले युवा, बहुत देर तक अकेले रहने वाले बुजुर्ग परेशान हैं. वहीं छोटे-छोटे बच्चे भी अब मानसिक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. मानसिक बीमारी का असर बच्चों की ग्रोथ पर भी पड़ता है. ऐसे में सबसे ज़्यादा ज़रूरी है अपने बच्चे में मानसिक बीमारी के किसी भी संकेत को समझना और उसे जल्द से जल्द दूर करने की कोशिश करना. बच्चों को सिर्फ़ प्रेम और सपोर्ट के साथ ही किसी भी तरह की ऐसे दिक्कत से बचाया जा सकता है.
क्या कहते हैं आंकड़े
हाल में ही पब्लिश हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक, मानसिक बीमारी के शिकार बच्चों में से करीब 50 प्रतिशत बच्चों में ये समस्या 1 साल की उम्र के आस-पास ही शुरू हो जाता है. बच्चे अपने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में सबसे खुलकर बात नहीं कर पाते हैं. इसलिए, बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का खास ध्यान रखने की ज़रूरत होती है.
पैरेंट्स इस तरह रखें बच्चों का ख्याल
बच्चे की हर आदत पर दें ध्यान
अगर सभी माता-पिता अपने बच्चों के कामों पर ध्यान दें तो समय रहते ही उनके किसी बच्चे में मानसिक बीमारी के होने का पता लगाया जा सकता है और उसका बेहतर इलाज किया जा सकता है. इसमें आपके बच्चे के बात करने, खेलने, बात करने, खेलने वगैरह के तरीके पर ध्यान देने की ज़रूरत होती है.
बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाएं
अपने बच्चों को रोज़ाना के कामों में हिस्सेदार बनाएं, इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा. किराने के सामान की सूची बनानी हो, पौधों को पानी देना हो या किसी चीज़ की तैयारी करनी हो, बच्चों के साथ इसके बारे में बात करें, उनके सुझाव लें और फिर अपने काम को अंज़ाम दें. इससे आपके बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे लोगों से खुलकर अपनी बात शेयर कर पाएंगे.
बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं
अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ ज़्यादा से ज़्यादा अच्छा समय बिताने की कोशिश करें. सामाजिक, मानसिक, व्यवहारिक, और पेशेवर समस्याओं के साथ-साथ अच्छे पलों के बारे में भी कुछ बातें बताएं. इससे आपके बच्चे का तनाव समय के साथ कुछ कम होगा और आप उनके मानसिक और भावनात्मक पहलू को भी बेहतर तरीके से समझ पाएंगे.
बच्चे को उसका मज़बूत पक्ष समझाएं
अपने बच्चे को सकारात्मक ऊर्जा से भरने का काम सबसे पहले उसके माता-पिता ही कर सकते हैं. अपने बच्चे के साथ समाज में चल रही गतिविधियों के बारे में चर्चा करें और उनका नज़रिया जानें. उन्हें समझाएं कि हमारी सकारात्मक ऊर्जा बांटने से और ज़्यादा बढ़ती है. उन्हें मोटिवेशनल स्टोरीज़ के बारे में बता कुछ अलग और बेहतर करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.
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