Workplace Anxiety: ज्यादातर लोग दिन का मैक्सिमम टाइम ऑफिस में बिताते हैं. जिसका असर उनकी मेंटल हेल्थ पर पड़ता है. एक वक्त में कई प्रोजेक्ट का हाथ में होना और सीनियर्स की बढ़ती एक्सपेक्टेशंस वर्कप्लेस स्ट्रेस लेवल को बढ़ाने का काम करता है, जो एंग्जाइटी बन सकता है. इसकी वजह से कुछ लोग शॉर्ट टेम्पर्ड हो जाते हैं, तो कुछ सिरदर्द या बदन दर्द की समस्याओं से जूझने लगते हैं. महिलाओं में भी इस तरह का स्ट्रेस खतरनाक माना जाता है. मनोचिकित्सक का कहना है कि वर्कप्लेस एंग्ज़ाइटी (Workplace Anxiety) की वजह से काम पर फोकस नहीं हो पाता है और कई तरह के निगेटिव थॉट्स घेर लेते हैं. ऐसे में कुछ टिप्स को फॉलो कर ऑफिस एंग्जाइटी से खुद को बचा सकते हैं. आइए जानते हैं...
वर्कप्लेस एंग्जाइटी दूर करने के 5 टिप्स
1. टाइम मैनेज करना सीखें
अगर आप अपने काम को समय पर पूरा कर लेते हैं तो आपकी आधी चिंताएं अपने आप ही खत्म हो जाती हैं. दरअसल, बहुत से लोग ज्यादा से ज्यादा समय सोशल मीडिया पर बिता देते हैं, जिसका असर उनके वर्क पर पड़ने लगता है. इसलिए असाइन टास्क को डेडलाइन का इंतजार करने से पहले की खत्म करने की कोशिश करें.
2. सोशल एंगेजमेंट कम न होने दें
ज्यादातर समय अकेले बिताने वाले लोगों में मायूसी और उदासी ज्यादा देखने को मिलती है. ऐसे में अपनी सोशल एंगेजमेंट बढ़ाने की कोशिश करें. दोस्तों के साथ समय बिताएं. इससे मेंटल हेल्थ बूस्ट होगी और आप फ्रेंडली नेचर के होंगे. अपना समय दोस्तों के साथ घूमने-फिरने में दें.
3. निगेटिव सेल्फ टॉक से बचने की कोशिश करें
कई बार हम खुद को कमजोर मान लेते हैं, जिससे खुद से शिकायतें बढ़ जाती हैं. इससे निगेटिव सेल्फ टॉक भी बढ़ जाते हैं. इसलिए अपनी खूबियों को पहचानकर छोटी छोटी सफलताओं को सेलिब्रेट करना शुरू करें. इससे सेल्फ कॉफिडेंस बढ़ता है और सक्सेस आसानी से मिलती है.
4. टॉक्सिक कलीग से दूरी बनाएं
हर वर्कप्लेस पर कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो निगेटिविटी से भरे होते हैं. ऐसे लोगों से दूरी बनाने में ही भलाई है, क्योंकि उनके साथ समय बिताने पर आप अपने फोकस और काम से भगटक सकते हैं. ऐसे में काम से पिछड़ने पर एंग्जाइटी का शिकार हो सकते हैं.
4. एक्सरसाइज जरूर करें
एक्सरसाइज न सिर्फ फिजिकल हेल्थ बल्कि मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करता है. यह आपको रिलैक्स रखता है और हर सिचुएशन से निपटने की ताकत देता है. इसलिए अगर आप खुद को वर्क प्लेस एंग्ज़ाइटी से बचाना चाहते हैं तो एक्सरसाइज करना न भूलें.
5. नींद पूरी लें
रात में 8-10 घंटे की नींद दिमाग को रिलैक्स रखने में मदद करता है. इसलिए नींद से समझौता न करें. सोने से कुछ देर पहले फोन दूर रख दें. इससे स्लीप पैटर्न सही होगा और स्ट्रेस-एंग्जाइटी की समस्या दूर होगी.
ये भी पढ़ें