Parasomnia Disease: पैरासोम्निया एक तरह का स्लीपिंग डिसऑर्डर है. इसमें कोई भी इंसान नींद में अलग-अलग एक्टिविटीज करने लगता है. जैसे- नींद में बोलना, चलना. कई बार तो ऐसा लगता है कि वह जग रहा है लेकिन असल में वह सोता रहता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पैरासोम्निया (Parasomnia) की बीमारी ज्यादातर मामलों में सामान्य ही होती है लेकिन कुछ खास मामलों में यह गंभीर भी हो सकती है. आइए जानते हैं क्या है पैरासोम्निया और इसका इलाज कैसे कर सकते हैं..

 

पैरासोम्निया की वजह

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पैरासोम्निया की समस्या के पीछे कई वजहें भी हो सकती है. नीचे दी गई समस्याओं में से कोई एक या दो मिलकर भी पैरासोम्निया की समस्या को ट्रिगर कर सकती हैं...

 

तनाव या स्ट्रेस

एंग्जायटी

डिप्रेशन

किसी खास सब्सटांस का इस्तेमाल

कुछ खास तरह की दवाइयों का सेवन

रोज सोने का समय बदलना

स्लीपिंग डिसऑर्डर जैसे इंसोम्निया

नींद न आना

न्यूरोलॉजिकल कंडीशंस जैसे पर्किंसनस डिजीज

 

पैरासोम्निया का इलाज

पैरासोम्निया का इस इलाज इन बातों के हिसाब से तय किया जाता है कि कौन से लेवल की दिक्कत है, कितनी गंभीर है, कितने समय से है. कई मामलों में डॉक्टर दवाइयों का इस्तेमाल करने के साथ ही कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी लेने की सलाह भी देते हैं.

 

पैरासोम्निया में इन बातों का रखें ध्यान

अगर आपका कोई करीबी इस समस्या से परेशान है तो आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए. जैसे, कमरे से ऐसी चीजें हटा दें जिनसे उसे रात में चोट लग सकती हो, खिड़कियों और सभी दरवाजों को लॉक कर दें. मरीज को रोजाना एक ही समय पर उठाएं जिससे उसे कुछ दिनों में आदत पड़ने लगेगी. इसे शेड्यूल अवेकनिंग तकनीक कहा जाता है.  इसके अलावा अगर आप रात में बार-बार उठ जाते हैं और आपको ऐसा महसूस होता है कि आप नींद में बड़बड़ा रहे हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट कर मेडिकेशन शुरू कर देना चाहिए.

 

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