Stresslaxing : आजकल जिस तरह से काम का दबाव पड़ रहा है, जैसी लाइफस्टाइल बनती जा रही है, तनाव को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है. तनाव करीब-करीब हर इंसान के जीवन का हिस्सा बन गया है. इससे कई तरह की समस्याएं बढ़ रही हैं, इसलिए डॉक्टर तनाव न लेने की सलाह देते हैं. कई बार खुद को स्ट्रेस फ्री रखने के चक्कर में ही हम तनाव लेने लगते हैं, जो परेशानी को बढ़ा सकता है. मतलब तनाव कम करने का तनाव लेना भी खतरनाक है.


स्टडी के अनुसार, जब हम स्ट्रेस से दूर करने की सोचते हैं तो इसकी भी टेंशन लेने लगते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक है. इसकी वजह से बहुत से लोग स्ट्रेसलाक्सिंग (Stresslaxing) का शिकार हो रहे हैं. 


Stresslaxing कितना खतरनाक
रिचर्स में पता चलता है कि अगर कोई एंग्जाइटी और ओवरथिंकिंग जैसी समस्याओं से जूझ रहा है तो उसके तनाव में जाने की आशंका बहुत ज्यादा हो सकती है. स्ट्रेसलाक्सिंग के शिकार लोगों को पैनिक अटैक हो सकता है. इके अलावा ऐसे लोग डिप्रेशन में भी जा सकते हैं.


तनाव की टेंशन लेने से दिक्कतें क्यों होती हैं
रिसर्च के मुताबिक, हमारे दिमाग का एक हिस्सा एमिग्डाला होता है, जो हमेशा किसी न किसी खतरे की तलाश में रहता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारा ध्यान हर समय ऑन रहता है, उसे इसी तरह से डिजाइन किया गया है कि वह परेशान रहे. जिससे कई तरह की समस्याएं होने का खतरा हर समय रहता है. इसलिए ज्यादा स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए.


आराम न करने से बढ़ रही परेशानी
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एंग्जाइटी में जीने वालों को अपने विचार रखने में समस्या होती है. कुछ लोग तो हर समय खुद को बिजी रखते हैं, क्योंकि खाली होते ही उनके दिमाग में निगेटिव थॉट्स आने लगते हैं. ऐसे में उन्हें आराम करने का मौका नहीं मिलता है.


बाहरी दबाव और अंदर चल रही उठापटक के बीच उनका दिमाग सही तरह आराम नहीं कर पाता है. ऐसे में उन्हें कई दिक्कतें हो सकती हैं. उनका तनाव बढ़ सकता है, उनमें चिड़चिड़ापन आ सकता है, इसलिए तनाव को कम करने की टेंशन लेने से बचना चाहिए.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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