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अमेरिका में META पर दर्ज हुए केस, क्या वाकई बच्चों की मेंटल हेल्थ को खराब कर रहा सोशल मीडिया?

मंगलवार को कैलिफोर्निया के ओकलैंड में संघीय अदालत में दायर मुकदमे में दावा किया गया है कि मेटा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए बार-बार जनता को गुमराह कर रही है.

अमेरिका में मेटा (Meta) पर केस दर्द किए गए हैं. जिसमें मंगलवार को कैलिफोर्निया के ओकलैंड में संघीय अदालत में दायर मुकदमे में दावा किया गया है कि मेटा (Meta) अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए बार-बार जनता को गुमराह कर रही है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने युवाओं की मेंटल हेल्थ को खराब किया है. आजकल के  बच्चों, नौजवान को सोशल मीडिया की ऐसी लत लग गई है. जो किसी नशे से कम नहीं है. इतना ज्यादा सोशल मीडिया का इस्तेमाल बच्चों के लिए काफी ज्यादा खतरनाक है. कैलिफ़ोर्निया और इलिनोइस सहित 33 राज्यों द्वारा दायर की गई शिकायत में कहा गया है कि मेटा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए युवाओं और बच्चों को देर तक इंगेज रखने के लिए तरह-तरह के गेम और टेक्नोलॉजी आए दिन ला रही है. ताकि इससे पूरी दुनिया में बच्चे अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त सोशल मीडिया पर बिताएं. इसका सिर्फ एक मकसद है ज्यादा से ज्यादा मुनाफा यानि पैसे कमाना. 

मेटा पर चल रहे मुकदमे में यह दलील दी गई

मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि मेटा हर कीमत पर अपना मुनाफा चाहती है. इसी वजह से वह आज की युवा पीढ़ी को सोशल मीडिया की लत लगा रही है. यह जानने के बावजूद की सोशल मीडिया पर कई तरह के टॉक्सिक कंटेंट हैं जिसकी वजह से बच्चे और युवाओं के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है. इससे उनकी दिमागों पर बुरा असर पड़ता है.  मुकदमे में कहा गया है कि मेटा ने सार्वजनिक रूप से इस बात से इनकार किया कि उसका सोशल मीडिया हानिकारक है. वहीं नौ दूसरे राज्यों में भी मंगलवार को इसी तरह के मुकदमे दायर करने की उम्मीद है, जिसके बाद मुकदमा करने वाले राज्यों की कुल संख्या 42 हो जाएगी.

मुकदमा पर्याप्त नागरिक दंड सहित विभिन्न प्रकार के उपायों की मांग करता है. यह सोशल मीडिया फर्मों को निशाना बनाने की नवीनतम कार्रवाई है. जो हाल के वर्षों में उस विशाल शक्ति के लिए आलोचना का सामना कर रही है जो उन्होंने आलोचकों के अनुसार संघीय निरीक्षण की कमी के कारण हासिल की है.

'यूनिवर्सिटी ऑफ रिचमंड स्कूल ऑफ लॉ' के अध्यक्ष कार्ल टोबियास ने कहा,"मुख्य तर्क यह है कि मेटा युवाओं की जिंदगी के साथ खेल रहा है. क्योंकि वह आए दिन अपनी सोशल मीडिया कंटेंट और टेक्नोलॉजी में खास तरह के चेंजेज किए जा रहा है ताकि युवा को सोशल मीडिया की लत लग जाए. वह सोशल मीडिया के नशे में डुबे रहे.  वहीं कंपनी यूजर्स के पर्सनल इंफोर्मेंशन भी स्टोरी कर लेती है. 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने अपने भाषण में क्या कहा?

साल 2021 से इस बात पर ज्यादा जोर दिया गया है कि बच्चों पर सोशल मीडिया का काफी ज्यादा असर हो रहा है. जब पूर्व कर्मचारी फ्रांसिस हौगेन, जो व्हिसलब्लोअर बन गए, ने आंतरिक दस्तावेज़ जारी किए, जिसमें दिखाया गया कि इंस्टाग्राम ने कुछ किशोर लड़कियों के लिए शारीरिक छवि के मुद्दों को खराब कर दिया है और कंपनी को यह पता था.मुक़दमे में जिन खुलासों का उल्लेख किया गया है.उनके कारण युवा लोगों पर सोशल मीडिया के प्रभाव के बारे में कांग्रेस की सुनवाई हुई.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने फरवरी में अपने स्टेट ऑफ द यूनियन' में भाषण के दौरान कहा कि नौजवान यजर्स पर सोशल मीडिया पर बेहद नेगेटिव असर हो रहा है. कांग्रेस' इस समस्या को समाधान करने हेतु द्विदलीय कानून पारित करने का आग्रह किया.  जो बिडेन ने अमेरिकी सर्जन जनरल ने इसी मुद्दे पर एक औपचारिक सलाह जारी की थी.मेटा और अन्य सोशल मीडिया कंपनियां पहले से ही बच्चों और स्कूल जिलों की ओर से इसी तरह के दावे करते हुए सैकड़ों मुकदमों का सामना कर रही हैं.

अमेरिका के अलग-अलग राज्यों में मेटा पर चल रहा है मुकदमा

इस साल की शुरुआत में, 100 से अधिक परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने मेटा, स्नैपचैट, गूगल और टिकटॉक की मूल कंपनी, बाइटडांस सहित सोशल मीडिया फर्मों पर अपने उत्पादों से युवाओं को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए एक मुख्य शिकायत दर्ज की.वह मामला चल रहा है. एक संयुक्त बयान में उस मामले के वकीलों ने अमेरिकी अटॉर्नी जनरल के कदम की सराहना की.यह महत्वपूर्ण कदम नशे की लत और हानिकारक सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के प्रभाव को संबोधित करने की निर्विवाद तात्कालिकता को रेखांकित करता है, जो देश भर में सबसे बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि यह अमेरिकी युवाओं के बीच व्यापक मानसिक स्वास्थ्य संकट में योगदान दे रहा है. मेटा ने एक बयान में कहा कि वह किशोरों को ऑनलाइन सुरक्षित बनाना चाहता है.

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