हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड और कर्नाटक एंटीबायोटिक एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की दवा मेट्रोनिडाजोल 400 मिलीग्राम इंसानों के लिए ठीक नहीं है. पैरासिटामोल 500 मिलीग्राम की गोलियों के एक स्पेशल बैच का टेस्ट किया गया जो क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गई है. सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा इस दवा को लेकर खुलासा किया है.
ऐसी दवाओं की सूची उनके विवरण के साथ जिन्हें केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं द्वारा मानक गुणवत्ता का नहीं/नकली/गलत ब्रांड वाली/मिलावटी घोषित किया गया है. नियमित रूप से अपलोड की जाती है और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की वेबसाइट पर ड्रग अलर्ट शीर्षक के तहत उपलब्ध है.
हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड (एचएएल)
फार्मास्युटिकल डिपार्टमेंट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्मित टैबलेट मेट्रोनिडाजोल 400 मिलीग्राम (बैच संख्या एचएमएए04) और कर्नाटक एंटीबायोटिक एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड (केएपीएल) द्वारा निर्मित टैबलेट पैरासिटामोल 500 मिलीग्राम (बैच संख्या 2508323) परीक्षण के दौरान 'मानक गुणवत्ता के नहीं' (एनएसक्यू) पाए गए हैं.
फार्मास्युटिकल विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार एचएएल और केएपीएल दोनों ने ही प्राप्तकर्ता के लिए आवश्यक एनएसक्यू स्टॉक वापस ले लिया है/उसकी जगह पर नया स्टॉक रख दिया है.ड्रग्स रूल्स 1945 के अनुसार सभी निर्माताओं को लाइसेंस की शर्तों का पालन करना आवश्यक है. जिसमें ड्रग्स रूल्स 1945 की अनुसूची एम के तहत निर्धारित अच्छे विनिर्माण अभ्यास (जीएमपी) शामिल हैं.
1945 दिनांक 28.12.2023 में संशोधन
केंद्र सरकार ने अच्छे विनिर्माण अभ्यासों से संबंधित अनुसूची एम को संशोधित करने के लिए ड्रग्स रूल्स 1945 दिनांक 28.12.2023 में संशोधन किया है. दवा उत्पादों के लिए परिसर, संयंत्र और उपकरणों की आवश्यकताएं.दवाओं की गुणवत्ता या सुरक्षा से संबंधित मामलों में जब भी रिपोर्ट की जाती है. तो संबंधित लाइसेंसिंग अधिकारियों द्वारा औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और उसके नियमों के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाती है, जिसमें उचित न्यायालय में मुकदमा चलाना भी शामिल है.
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निगरानी और निगरानी गतिविधियों के एक भाग के रूप में औषधि निरीक्षक गुणवत्ता जांच के लिए नियमित अंतराल पर आपूर्ति श्रृंखला से दवा के नमूने लेते हैं. यदि नमूना एनएसक्यू/नकली/मिलावटी/गलत ब्रांड वाला पाया जाता है, तो औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और उसके तहत नियमों के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई शुरू की जाती है.
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कली/मिलावटी/मानक गुणवत्ता वाली दवाओं आदि का निर्माण औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध है और संबंधित लाइसेंसिंग अधिकारियों को ऐसे मामलों में कार्रवाई करने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि किसी भी नकली/मिलावटी/मानक गुणवत्ता वाली दवा आदि का उपयोग हानिकारक है और इससे रोगी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. मंत्री ने कहा कि ऐसी दवाओं के बारे में अलग-अलग शिकायतें प्राप्त होने पर संबंधित लाइसेंसिंग अधिकारियों के साथ जांच की जाती है ताकि औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और औषधि और प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जा सके.
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