कोरोना वायरस के हल्के लक्षण या बिना लक्षण वाले मरीज कब तक संक्रामक हो सकते हैं? इस सवाल का जवाब एक नए शोध में देने की कोशिश की गई है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना के हल्के लक्षण या बिना लक्षण वाले मामले 10 दिन तक संक्रामक हो सकते हैं. ये भी कहा जा सकता है ऐसे मरीज 10 दिनों से ज्यादा संक्रामक नहीं हो सकते हैं. अमेरिका की ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी और रीगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोध में खुलासा हुआ है.
बिना लक्षण वाले मरीज 10 दिनों तक संक्रामक हो सकते हैं
शोधकर्ताओं ने 75 से ज्यादा शोध का परीक्षण किया और पाया कि गंभीर रूप से वायरस के मरीज कोरोना वायरस का ट्रांसमिशन 20 दिनों तक कर सकते हैं. समीक्षा को इंफेक्शन कंट्रोल एंड हॉस्पिटल एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित किया गया है. शोध में बताया गया कि वायरस RNA की पहचान का उसके निष्क्रिय होने से कोई संबंध नहीं है.
जीवित वायरस का पता मरीजों में 9 दिनों तक चल सकता है
उन्होंने अतिरिक्त डेटा की जरूरत बताई है जिससे मरीजों से वायरस के झड़ने का समय और ट्रांसमिशन के खतरे के अनुमान का पता लगाया जा सके. शोधकर्ताओं ने बताया कि लोगों से वायरस झड़ने का समय लंबा हो सकता है, मगर शोध पर हमारी समीक्षा से संकेत मिला है कि संक्रामक या जीवित वायरस का पता मामूली लक्षण या बिना लक्षण वाले मरीजों में सिर्फ 9 दिनों तक चल सकता है. उनका दावा है कि समीक्षा अमेरिका की सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की तैयार की हुई गाइडलाइन्स के मुताबिक है.
शोध के लिए 77 रिपोर्ट का परीक्षण किया गया था. उनमें से 59 मेडिकल पत्रिका में प्रकाशित हो चुकी थीं. तमाम रिपोर्ट में वायरस के झड़ने की जांच पड़ताल के लिए परंपरागत तरीके का इस्तेमाल किया गया. शोधकर्ताओं ने बताया कि समीक्षा का फैसला कोरोना वायरस ट्रांसमिशन के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने और महामारी की रोकथाम के उपायों की मदद के लिए था.