मिलेट्स पर इतनी बात हो रही है लेकिन क्या आपको पता है कि गेहूं-बाजरे और मक्के में से कौन सी रोटी ज्यादा फायदेमंद है?
साल 2023 में विश्व भर में मिलेट ईयर का आयोजन किया जाएगा. प्रधानमंत्री के इस घोषणा के बाद से ही हर तरफ मिलेट्स को लेकर चर्चा तेज हो गई है. मिलेट्स क्या है और यह गेहूं और मक्के की रोटी से ज्यादा फायदेमंद है?
International Year of Millets 2023: साल 2023 में विश्व भर में 'मिलेट्स' ईयर का आयोजन किया जाएगा प्रधानमंत्री के इस फैसले के बाद से ही मिलेट्स को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है. मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को संसद भवन में मिलने वाले खाने में मिलेट्स को राज्यसभा लोकसभा सांसदों के लिए रखा गया है.जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल होने के लिए पहुंचे थे. इसे एक अलग पहचान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर के साथ मिलेट स्पेशल लंच भी किया. जब से मिलेट्स को साल 2023 में अंतर्राष्ट्रीय साल के रूप में मनाने का फैसला किया गया तब से हर तरफ मिलेट्स को लेकर चर्च जोर शोर में है. अब सवाल यह उठता है कि मिलेट्स किसे कहते हैं? गेहूं-बाजरे और मक्के में से कौन सी रोटी है ज्यादा फायदेमंद ?
गेहूं-बाजरे और मक्के में से कौन सी रोटी है ज्यादा फायदेमंद ?
डाइट और न्यूट्रीशन क्लीनिक की डायटीशियन डॉक्टर सुगीता मुटरेजा के मुताबिक गेहूं, मक्का हो या बाजरा सभी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. गेहूं के आटे में फाइबर, विटामिंस और मिनरल्स होते हैं वहीं मक्के के आटे में फैट अधिक होता है. वहीं मक्के के आटे की तुलना में गेहूं के आटे में कैलरी अधिक होती है. मक्के के आटे की तासीर गर्म होती है वहीं गेहूं के आटे की ठंडी होती है. मक्के के आटे में सोडियम और कार्ब्स कम होते हैं वहीं फाइबर अधिक होता है और सबसे हैरानी वाली बात यह है कि यह ग्लूटेन फ्री होता है. अगर गेहूं के आटे की बात करें तो इसमें प्रोटीन,विटामिंस और मिनरल्स काफी अधिक होता है. इसे आराम से पचाया भी जा सकता है.
मिलेट्स किसे कहते हैं?
मिलेट्स यानी बाजरा. बाजरा एक तरह का बीज होता हैं. यह एक तरफ इंसानों के लिए पौष्टिक आहार हैं तो दूसरी तरफ जानवरों के चारे के काम भी आता हैं. इसलिए यह इंसानों और जानवरों दोनों का खाना है. मिलेट्स ज्यादा उन क्षत्रों में उगाया जाता है जहां सूखा, या अधिक वर्षा, या पहाड़ी वाले एरिया हो. केवल इतना ही नहीं इन्हें मिट्टी की सीमित उर्वरता और नमी की सीमांत परिस्थितियों में भी असानी से उगाया जा सकता हैं.
मिलेट्स दो तरह के होते हैं
मोटे दाने वाला अनाज
छोटे दाने वाला अनाज
मोटे अनाज रागी, बाजरा, ज्वार,चना, मूंग को भी मिलेट्स के रूप में खा सकते हैं. इसे नेकेड ग्रेन के नाम से भी जाना जाता है. बाजरा हमारी परंपरागत फसलों में से एक है. लेकिन यह विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी है. भारत सरकार के कृषि और किसान कल्यान मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार 2016-2017 में बाजरे की खेती में 60% कमी आई हैं. मिलेटस फसलों के बीज लगभग 60- 65 दिन में निकल आते हैं और यह फसलें 3 महीने के अंदर फिर से पक कर तैयार हो जाती हैं.
बाजरा में पाए जाने वाले मिलेट्स की लिस्ट काफी लंबी है. आपको जानकार हैरानी होगी कि मिलेट्स में इतने ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो दूसरे चीजों में नहीं होती है.
कैल्शियम
लोहा
जस्ता
फास्फोरस
मैंग्नीशियम
पोटेशियम
फाइबर
विटामिन बी-6
विटामिन बी-3
कैरोटीन
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