नयी दिल्ली: ये तो आप जानते ही हैं कि पॉल्यूशन अनेक तरह की बीमारियों को जन्म देता है लेकिन हाल ही में हुए एक शोध में हैरतअंगेज बात सामने आई है कि भारत में 2010 में पॉल्यूशन के कारण कम से कम 10 लाख शिशुओं का समय से पहले जन्म हुआ है. यह संख्या विश्व में सर्वाधिक और चीन से दोगुनी है.

क्‍या कहती है रिसर्च-

शोध के मुताबिक, 2010 में दुनियाभर में समय से पूर्व जन्म के 27 लाख मामले सामने आए जो कि एयर पॉल्यूशन से जुड़े हुए है. इसमें कहा गया है कि एक गर्भवती महिला की पहुंच बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करती है कि वह कहां रहती है. मसलन भारत और चीन में रहने वाली महिलाएं इंग्लैंड के ग्रामीण इलाकों और प्रांस के मुकाबले 10 गुना ज्यादा प्रदूषित हवा में सांस लेगी. समय से पूर्व जन्में शिशु में मृत्यु का या फिर शारीरिक और तंत्रिका संबंधी विकलांगता का खतरा अधिक होता है.

किसने की रिसर्च-

द स्टॉकहोम इन्वायरमेंट इंस्टीट्यूट एट द यूनिवर्सिटी ऑफ यॉक के एक दल की अगुआई में हुई यह रिसर्च जरनल इंवायरमेंट इंटरनेशनल में प्रकाशित हुई है. इसमें कहा गया है कि 2010 में 27 लाख समयपूर्व जन्म या फिा ऐसे सभी जन्मों के 18 प्रतिशत मामले फाइन पार्टिकुलेट मैटर से संपर्क में आने से जुड़े हुए हैं.

फाइन पार्टिकुलेट मैटर ऐसे महीन प्रदूषक हैं जो हवा में तैर रहें हैं और सांस लेने के साथ आसानी से शरीर के अंदर चले जाते हैं और स्वास्थ्य को बेहद नुकसान पहुंचाते हैं.

रिसर्च के मुताबिक इस पूरे आंकड़े में भारत के ही अकेले 10 लाख मामले हैं जबकि चीन में पांच लाख. शोध में कहा गया है कि बाहरी पॉल्यूशन को कम करके समय से पूर्व जन्म के मामलों में कमी लाई जा सकती है.