Monkey Pox Treatment: मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. विश्व स्तर पर मंकीपॉक्स का रिकॉर्ड देखें तो कुल मामलों की संख्या 70,000 के पार हो गई है. हाल में मंकी पॉक्स वायरस की नेचर समझने के लिए रिसर्च की गई. रिसर्च में सामने आया कि मंकीपॉक्स वायरस स्मार्ट हो रहा है. यह दवाओं के साथ और व्यक्ति के शरीर में होने वाले बदलाव के साथ खुद में बदलाव कर रहा है. इससे यह अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है.
स्टडी में देखे गए मंकी पॉक्स के म्यूटेशन
जर्नल ऑफ ऑटोइम्यूनिटी में मंकी पॉक्स को लेकर स्टडी पब्लिश की गई. मंकीपॉक्स के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मौजूदा दवाओं की नेचर समझना जरूरी है. यह भी समझना जरूरी है कि वायरस का म्यूटेशन कैसा है? इसी से इसकी बेहतर समझ विकसित की जा सकती है.
इम्यून सिस्टम और दवाओं से बचने में सक्षम
मंकी पॉक्स वायरस का विश्लेषण किया गया. विश्लेषण में देखा गया कि समय के साथ वायरस खुद को कैसे विकसित कर रहा है. यह हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से दवाओं या एंटीबॉडी से बचने में सक्षम था, इसी कारण दूसरे लोगों को अपनी चपेट में लेता गया.
मंकी पॉक्स का पुराना इतिहास देखा
स्टडी के लिए टीम ने मंकीपॉक्स वायरस के 200 से अधिक सब वेरिएंट के डीएनए का विश्लेषण किया गया. 1965 में मंकीपॉक्स पहली बार फैलना शुरू हुआ. फिर 2000 के दशक में इसका प्रकोप देखा गया. अब 2022 में इसका फैलाव देखने को मिला है. विश्लेषण में मंकीपॉक्स वायरस के सब वेरिएंट की जांच करते समय पांच विशिष्ट प्रोटीनों की जांच की गई. इनमें डीएनए पोलीमरेज़, डीएनए हेलिसेज़, ब्रिजिंग प्रोटीन ए 22 आर, डीएनए ग्लाइकोसिलेज़ और जी 9 आर शामिल रहे.
भारत में मंकीपॉक्स के 19 मामले सामने आए
मई 2022 में अचानक से मंकीपॉक्स दुनिया भर में फैलने लगा. यूनाइटेड किंगडम, पुर्तगाल और इटली में मामले तेजी से सामने आए. अमेरिका में काफी केस देखे गए. अधिकांश पुरुषों को अपनी चपेट में लिया. कुछ ही महीने में 100 से अधिक देशों में 73,000 से अधिक मामले और 29 मौतें दर्ज की गई हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हाल के हफ्तों में नए वैश्विक मामलों की संख्या में काफी गिरावट आई है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.