Monkeypox Case In India: दुनिया के कई देशों में कहर बरपा चुके मंकी पॉक्स को लेकर अब भारत में भी खतरे कि घंटी सुनाई दे रही है.. दरअसल मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मामला भारत में भी मिला है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि एमपॉक्स ट्रांसमिशन से पीड़ित देश से हाल ही में यात्रा करने वाले एक व्यक्ति की पहचान इस बीमारी के संदिग्ध मामले के रूप में की गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मरीज को एक डेजिगनेटेड अस्पताल में अलग रखा गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई गई है.
एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने मरीज का सैंपल ले लिया ताकि इसकी पुष्टि की जा सके कि उसे एमपॉक्स हुआ है या नहीं.
यह भी पढ़ें
Anemia In Women's: भारत में खून की कमी से जूझ रहीं 40% महिलाएं, जानें क्या है कारण
प्रोटोकॉल के मुताबिक हो रहा इलाज
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मामले को निर्धारित प्रोटोकॉल के मुताबिक रेस्ट्रिक्ट किया जा रहा है और संपर्क ट्रेसिंग भी की जा रही है ताकि संभावित सोर्स का पता लगाया जा सके और इस मामले का आगे पड़ने वाले प्रभाव का आकलन किया जा सके.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- डरने की जरूरत नहीं
दुनिया के कई देशों में कहर बरपा चुके मंकी पॉक्स को लेकर अब भारत में भी खतरे कि घंटी सुनाई दे रही है.. दरअसल मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मामला भारत में भी मिला है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि एमपॉक्स ट्रांसमिशन से पीड़ित देश से हाल ही में यात्रा करने वाले एक व्यक्ति की पहचान इस बीमारी के संदिग्ध मामले के रूप में की गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मरीज को एक डेजिगनेटेड अस्पताल में अलग रखा गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई गई है.
यह भी पढ़ें
डेंगू के मरीजों को हार्ट की बीमारियां का खतरा ज्यादा, रिसर्च में आया सामने
WHO ने किया था अलर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में मंकीपॉक्स के खतरे को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंता की सार्वजनिक एमरजेंसी हेल्थ के रूप में चिन्हित किया है. संगठन ने 14 अगस्त को इसका किया था. स्वास्थ्य संगठन ने इसका ऐलान तब किया है जब हाल ही में इस वायरस के नए वैरिएंट की पहचान की गई थी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस मामले को लेकर "अतिरिक्त चिंता" की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि ये मामला नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) इस मामले को देख रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है.इससे निपटने के लिए देश ट्रैवल रिलेटेड ऐसे मामलों से निपटने के लिए तैयार है. साथ ही ऐसे मामलों की पहचान के लिए ट्रेसिंग चैनल स्थापित किया गया है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
Anemia In Women's: भारत में खून की कमी से जूझ रहीं 40% महिलाएं, जानें क्या है कारण