अफ्रीका में इन दिनों मंकीपॉक्स वायरस तेजी से फैल रहा है, जिससे वहां के लोगों में डर और चिंता बढ़ रही है. मंकीपॉक्स एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है, जो बंदरों से इंसानों में फैलती है. इसके लक्षण चेचक जैसे होते हैं और यह इंसानों में भी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है. इस वायरस का तेजी से फैलना सभी के लिए चिंता का विषय है. आइए जानते हैं, मंकीपॉक्स वायरस कितना खतरनाक है और इससे कैसे बचा जा सकता है. 


मंकीपॉक्स वायरस क्या है?
मंकीपॉक्स एक दुर्लभ वायरल बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस से होती है. यह वायरस सबसे पहले बंदरों में पाया गया था, इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया. यह वायरस इंसानों में भी फैल सकता है और इसके लक्षण चेचक (स्मॉलपॉक्स) जैसे ही होते हैं. 


मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ में दर्द, ठंड लगना और थकान शामिल हैं. इसके बाद चेहरे पर और शरीर के अन्य हिस्सों पर लाल चकत्ते (रैशेज़) बन जाते हैं. ये चकत्ते धीरे-धीरे फफोले और पपड़ी में बदल जाते हैं. 


मंकीपॉक्स कितना खतरनाक है?
मंकीपॉक्स का वायरस चेचक के वायरस की तुलना में कम खतरनाक होता है, लेकिन यह भी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. इस वायरस से संक्रमित होने पर मृत्यु दर लगभग 1-10% तक हो सकती है. हालांकि, अफ्रीका में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए यह और भी खतरनाक साबित हो सकता है. 


कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित जानवरों के काटने, खरोंचने या उनके शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है.  इंसानों के बीच यह वायरस शारीरिक संपर्क, संक्रमित व्यक्ति के कपड़े या बिस्तर के माध्यम से फैल सकता है. 


बचाव के उपाय



  • संक्रमित जानवरों और लोगों से दूरी बनाए रखें. 

  • अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं. 

  • मास्क पहनें और सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.

  • अपने व्यक्तिगत सामान और कपड़ों को साफ रखें. 

  • स्वास्थ्य समस्याएं होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. 

  • अफ्रीका में मंकीपॉक्स वायरस का तेजी से फैलना चिंता का विषय है.

  • सरकार और स्वास्थ्य संगठनों को मिलकर इस पर काबू पाने के लिए प्रयास करने होंगे.

  • जागरूकता और सावधानी बरतकर ही हम इस वायरस से सुरक्षित रह सकते हैं. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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