Difference Between Monkeypox Vs Smallpox: मंकीपॉक्स का खौंफ पूरी दुनिया में बना हुआ है. कोविड (Covid-19) के बाद इस बीमारी ने दुनिया के सामने एक नई चुनौती रख दी है. इस चुनौती का नाम है मंकीपॉक्स (Monkeypox) यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा 24 जुलाई को इस बीमारी को विश्व आपदा घोषित (World health emergency) कर दिया गया है. क्योंकि इस बीमारी के मरीज अब तक दुनिया के करीब 84 देशों में मिल चुके हैं और इसके कंफर्म केसेज की संख्या करीब 26 हजार तीन सौ के पास है. 


मंकीपॉक्स देखने में स्मॉलपॉक्स की तरह लगते हैं. इस कारण ज्यादातर लोगों में इस बात को लेकर भ्रम बना हुआ है कि क्या ये बीमारी स्मॉलपॉक्स यानी चेचक का ही एक रूप है. आपको बता दे कि हमारे देश के कई हिस्सों में चेचक को छोटी-माता निकलना भी कहते हैं. हालांकि वैक्सिनेशन के जरिए चेचक नामक रोग को 1980 के दशक तक पूरी तरह समाप्त कर दिया गया था.


मंकीपॉक्स और स्मॉलपॉक्स में क्या अंतर है?



  • मंकीपॉक्स और स्मॉलपॉक्स दोनों ही ऑर्थोपॉक्सवायरस (orthopoxvirus) वायरस से फैलते हैं और दोनों के लक्षण लगभग एक जैसे ही होते हैं. इसी कारण इन्हें पहचाने में समस्या होती है.

  • लेकिन मंकीपॉक्स की तुलना में स्मॉलपॉक्स अधिक घातक बीमारी है. यानी मंकीपॉक्स में जान का उतना खतरा नहीं होता है, जितना की स्मॉलपॉक्स में होता है. लेकिन मंकीपॉक्स का भी समय से इलाज जरूरी है, नहीं तो बात बिगड़ सकती है.

  • दोनों ही बीमारियां संक्रामक रोग हैं और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से ट्रांसमिट होती हैं. लेकिन मंकीपॉक्स की तुलना में स्मॉलपॉक्स अधिक तेजी से फैलने वाला रोग है.

  • मंकीपॉक्स एक सेल्फ लिमिटेड डिजीज है. यानी ऐसा रोग जो एक सीमा तक बढ़ने के बाद फिर खुद को कंट्रोल करने लगता है. इसलिए इस बीमारी में 2 से 4 हफ्ते के बाद खुद ही काफी सुधार देखने को मिलने लगता है. लेकिन यदि समय से रोकथाम ना की जाए तो स्थिति बिगड़ भी सकती है.


कैसे होता है मंकीपॉक्स?



  • मंकीपॉक्स की बीमारी जानवरों से इंसानों में आई है.  इसका वायरस कई तरीकों से जानवरों से इंसान में ट्रांसमिट हो सकता है. जैसे, इस बीमारी से संक्रमित जानवर यदि किसी व्यक्ति को काट ले, यदि संक्रमित जानवर के मीट का सेवन कर लिया जाए या फिर इससे संक्रमित जानवर के छूने और दुलारने के कारण भी यह वायरस इंसान के शरीर में आ सकता है.

  • अब मंकीपॉक्स इंसान से इंसान में भी ट्रांसमिट हो रहा है. यदि एक स्वस्थ व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है और स्किन-टु-स्किन कॉन्टेक्ट होता है, यह वायरस स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकता है. 

  • संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्शुअल कॉन्टेक्ट के कारण भी यह बीमारी फैल सकती है. इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति की उपयोग की हुई चीजों जैसे तौलिया, बिस्तर इत्यादि से भी यह बीमारी फैल सकती है. क्योंकि मंकीपॉक्स से निकलने वाले संक्रमित तरल पदार्थ के माध्यम से इसका वायरस स्वस्थ व्यक्तियों तक पहुंच जाता है.

  • मंकीपॉक्स को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधानोम घेब्रेसियस ने एक बयान में कहा 'मंकीपॉक्स आउटब्रेक को रोका जा सकता है. यदि वे देश, समाज, समुदाय और व्यक्ति इस बीमारी के प्रति जागरूकता दिखाएं, जिनमें इस बीमारी के मरीज पाए गए हैं. उन्हें इस बीमारी के संक्रमण को अन्य व्यक्तियों में फैलने से बचाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने होंगे '


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 


यह भी पढ़ें: मॉनसून में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, सुरक्षित होगा पूरा परिवार

यह भी पढ़ें: इन कारणों से भी हो सकती है आंख फड़कने की समस्या, डरें नहीं जागरूक बनें