Monsoon Health Tips: मॉनसून में हेल्दी रहना इतना भी मुश्किल नहीं है, जितना कि लगता है. बारिश (Rainy season) के दिनों में ज्यादातर लोग बीमार (illness) पड़ जाते हैं. कभी खांसी-जुकाम तो कभी फीवर (Fever) की समस्या घेर ही लेती है, लेकिन ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं होता, क्योंकि मौसम बार-बार बदल रहा होता है. बल्कि इसलिए भी होता है, क्योंकि शरीर में कई तरह के बदलाव (Body changes) हो जाते हैं.
बारिश के दिनों में शरीर में क्या बदलाव होते हैं?
- बारिश के सीजन में शरीर की पाचकाग्नि (Digestive Fire) मंद हो जाती है. इस कारण पाचन धीमी गति से होता है.
- शरीर के तीनों दोष यानी वात-पित्त और कफ का संतुलन गड़बड़ा जाता है. इस कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर रहती है.
- अत्यधिक पसीना आने के कारण शरीर में लगातार पानी की कमी होती रहती है, जबकि बाहर से चिपचिपाहट हावी रहती है. यह स्थिति शरीर पर बैक्टीरिया ऐक्टिव होने के लिए बहुत उचित होती है. उमस के कारण वातावरण में बैक्टीरिया और वायरस अधिक मात्रा में होते हैं, जो आसानी से शरीर को अपनी चपेट में ले लेते हैं.
कैसा होना चाहिए नाश्ता?
बारिश के दिनों में आपका नाश्ता ऐसा होना चाहिए जो आसानी से पच सके और जिसमें न्यूट्रिऐंस के साथ ही फाइबर भी अधिक मात्रा में हों. इसलिए ये नाश्ते के लिए उचित विकल्प होते हैं..
- चावल का मांड (Rice gruel)
- मीठा दलिया (Dalia)
- नमकीन दलिया (Namkeen Daliya)
कैसे मिलेगा फायदा?
- नाश्ते में चावल का मांड और दलिया खाने से पाचकाग्नि बढ़ती है.
- ये मिनरल्स और न्यूट्रिऐंट्स से भरपूर फूड होते हैं, इसलिए शारीरिक कमजोरी को दूर करते हैं.
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं.
- कब्ज की समस्या से बचाव करते हैं.
- चावल का मांड और नमकीन दलिया डायबिटीज के मरीजों के लिए शुगर लेवल मेंटेन रखने का अच्छा तरीका हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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