अमीरों के मुकाबले गरीबों को कैंसर का खतरा ज्यादा होता है? यह बात पूरी तरह से मिथ है क्योंकि कैंसर किसी को भी हो सकता है. कैंसर किसी भी व्यक्ति को कई कारणों से होता है. यह व्यापक रूप से माना जाता है कि कम आय वाले लोग अधिक पैसे वाले लोगों की तुलना में बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. हालांकि, कुछ प्रकार के कैंसर का निदान उच्च सामाजिक-आर्थिक स्थिति वाले लोगों में अधिक बार होता है. हाल ही में फिनलैंड में हेलसिंकी विश्वविद्यालय में किए गए एक नए अध्ययन ने सामाजिक-आर्थिक स्थिति और कई बीमारियों के बीच संबंध की जांच की.


शोध से पता चला कि अमीर लोगों को आनुवंशिक रूप से गरीबों की तुलना में कैंसर का अधिक खतरा होता है. रिसर्च के अनुसार अमीर लोगों में स्तन, प्रोस्टेट और अन्य प्रकार के कैंसर का आनुवंशिक जोखिम अधिक होता है. ईरानी जे पब्लिक हेल्थ के हालिया रिपोर्ट 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ' बेथेस्डा के डॉ. पारसा ने इंसान के कैंसर होने के पीछे का कारणों में से एक वातावरण को बताया है.  


लेखक ने पर्यावरणीय कैंसर के कई कारकों के बारे में बताया है.  जिस तरह से वे सेलुलर इंटरैक्शन में गंभीर रूप से बाधा डाल सकते हैं, उस पर चर्चा की है. सभी कारणों के अलावा पर्यावरण के संपर्क में आना विभिन्न मानव कैंसर के कई कारण कारकों से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा डॉ. पारसा ने अपने लेख में जिन पर्यावरणीय कारकों की पहचान की है. उनके अलावा गरीबी भी सबसे बड़े स्वास्थ्य जोखिमों में से एक है और एक प्रमुख कार्सिनोजेन है. डॉ. सैमुअल ब्रोडर जो नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के निदेशक थे. गरीबी एक कार्सिनोजेन है एक कैंसर पैदा करने वाला एजेंट है. 


गरीबों तक ठीक से स्वास्थ्य सेवा नहीं पहुंच पाती है


गरीब लोगों को अक्सर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुंचने में परेशानी होती है. और स्वास्थ्य बीमा प्राप्त करने और उसका भुगतान करने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है.


सामाजिक-आर्थिक स्थिति
कम सामाजिक-आर्थिक स्थिति के कारण फलों और सब्जियों का सेवन कम हो सकता है. जिससे जठरांत्र संबंधी कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.


पर्यावरणीय कारक
गरीब लोगों के पर्यावरणीय कारकों के संपर्क में आने की संभावना अधिक होती है, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं. जैसे कि तम्बाकू का इस्तेमाल, धूप और शराब ज्यादा पीने के कारण गरीबों को कैंसर की समस्या होती है. 


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पैसे की कमी के कारण सही इलाज नहीं मिल पाता
खाद्य असुरक्षा आय और कैंसर मृत्यु दर के बीच संबंधों का एक मजबूत मध्यस्थ है.


चिकित्सीय देखभाल की गुणवत्ता
 ​​देखभाल की गुणवत्ता आय और कैंसर मृत्यु दर के बीच संबंधों का एक मजबूत मध्यस्थ है



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.