आसपास या घर में आपने कई ऐसे लोगों को देखा होगा जिन्हें सुबह के समय बहुत ज्यादा खांसी होती है. फिर दिन निकलने के साथ कम होने लगती है. ऐसी दिक्कत लोग सालों भर महसूस करते हैं. फिर मौसम बदलने के साथ ठीक हो जाते हैं. दरअसल, यह एक कॉमन बीमारी है जिसके कॉमन लक्षण है. इस बीमारी में फेफड़ा में हवा लगते ही इंफेक्शन होने लगता है. या कहें कि हवा लगते ही यह बीमारी ट्रिगर हो जाती है. जिसके कारण गले में खराश पैदा हो जाती है और फिर एलर्जी होने के कारण गले में खुजली और खांसी शुरू हो जाती है. इसी के कारण सुबह के वक्त हवा लगते ही खांसी तेज हो जाती है. आइए जानें इस बीमारी के लक्षण क्या-क्या है?


इन 4 बीमारियों में होती है तेज खांसी


क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज-COPD 


'क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज' में फेफड़ों में ठंडा हवा लगने के बाद सांस की नली सिकुड़ने लगती है. जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होती है. सुबह की हवा ठंडी होती है और यह फेफड़े की बीमारी को ट्रिगर करती है. ऐसे में कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर नहीं निकल पाती और शरीर के अंदर रह जाती है. इसमें फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. जिसके कारण व्यक्ति को बहुत तेज खांसी होने लगता है. सीने में घरघराहट और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. 


अस्थमा


अस्थमा की बीमारी में सुबह के वक्त बहुत तेज खांसी होती है. वायु प्रदूषण और ठंड मौसम फेफड़ों को ट्रिगर कर सकती है. फेफड़े में एलर्जी होने लगती है और जिसकी वजह से इंसान खांसने लगते हैं. अस्थमा के मरीज के सांस की नली में सूजन और जलन होने लगती है. जिसकी वजह से बीमारी ट्रिगर होने लगती है. सांस की नली सिकुड़ने लगती है और व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है जिसकी वजह से व्यक्ति को बहुत तेज खांसी होती है. 


 ब्रोंकाइटिस


ब्रोंकाइटिस ब्रोन्कियल के मरीज के सांस की नली में सूजन होने लगता है. सुबह के वक्त फेफड़े में ठंडी हवा जाते ही गले में तेज खांसी होने लगती है. गले में सूजन और बैक्टीरिया होने लगता है जिसकी वजह से बीमारी ट्रिगर होने लगती है. हालांकि गंभीर होने पर सूखी खांसी के साथ बलगम निकलने लगता है. 


जीईआरडी-GERD


जीईआरडी गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारी है. जिसमें सीने में जलन और खट्टी डकार होने लगती है. इसमें गले में फेफड़ें और सूजन होने लगता है. इस बीमारी में भी सुबह-सबह खांसी होने लगती है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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