Mosquito Coil Health Risk: गर्मियों के आते ही घरों में मच्छरों की भी एंट्री हो जाती है. हम चाहे लाख खिड़कियां और दरवाजे बंद रख लें, लेकिन फिर भी मच्छर घरों में प्रवेश कर ही लेते हैं और फिर काट-काटकर इंसान का जीना मुहाल कर देते हैं. इनसे बचने के लिए जहां कुछ लोग कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं तो वहीं कुछ लोग कॉइल जलाकर इनसे छुटकारा पाने की कोशिश करते हैं. मगर क्या आप जानते हैं कि यही कॉइल आपकी जिंदगी को नर्क बना सकता है और कई बीमारियों का कारण बन सकता है.   


दरअसल, कई लोग घर के अंदर कॉइल जलाकर रखते हैं. कॉइल जलने पर निकलने वाला धुआं कमरे के प्रदूषण का स्तर बढ़ा सकता है और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज या सीओपीडी (COPD) का कारण बन सकता है. एक स्टडी के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति कॉइल का धुआं सूंघ लें तो ये 100 सिगरेट पीने के बराबर हो सकता है. इतना ही नहीं, पूजा में इस्तेमाल होने वाले अगरबत्ती का धुआं 50 सिगरेट पीने के बराबर होता है.


बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा जारी कुछ आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई में रोजाना कम से कम 6 लोग क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज या सीओपीडी की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं, जो फेफड़ों में सूजन की बीमारी है. यह हाल सिर्फ मुंबई का नहीं है, बल्कि भारत के कई हिस्सों में इस बीमारी से कई लोग पीड़ित है. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में पब्लिश एक स्टडी का अनुमान है कि भारत में साल 2019 में प्रति 1,00,000 पॉपुलेशन पर 98 प्रतिशत लोगों ने COPD से अपनी जान गंवा दी. 


कॉइल काम कैसे करते हैं?


पुराने कॉइल और स्टिक्स पहले पाइरेथ्रम पेस्ट से तैयार किए जाते थे. जबकि आजकल के मॉस्किटो कॉइल में पाइरेथ्रॉइड कीटनाशक डाले जाते हैं या फिर सिट्रोनेला जैसे पौधे से इन्हें तैयार किया जाता है. सिडनी यूनिवर्सिटी के मुताबिक, ऐसे कोई सबूत नहीं है कि कीटनाशक वाले मॉस्किटो कॉइल को जलाने से मलेरिया जैसी बीमारी को होने से रोका जा सकता है या खुद को मच्छरों से बचाया जा सकता है. 


हेल्थ एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि मच्छरों से खुद को बचाने के लिए आप इन उपायों को अपना सकते हैं:-


1. फुल बाजू की शर्ट और लंबी पैंट पहनें.
2. मच्छरदानी लगाकर सोएं. 
3. मच्छरों को पैदा होने से रोकने के लिए रुके हुए पानी को तुरंत हटाएं.
4. अपने घर के आसपास सफाई रखें.
5. शाम के वक्त दरवाजे और खिड़कियों को बंद रखें.
6. मच्छरों को पैदा होने से रोकने के लिए वक्त-वक्त पर फॉगिंग जरूर कराएं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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