Heart Attack: बदलती लाइफस्टाइल के कारण दिल के रोगों की आशंका बढ़ गई है. लाइफस्टाइल की वजह से ही डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां घर कर रही हैं. इनके साथ ही हार्ट के रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है. पिछले कुछ सालों में इंडिया में हार्टअटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं. यदि पिछले 2 साल की बात करें तो कई सेलिब्रिटीज की जिम में एक्सरसाइज करते समय हार्ट अटैक से मौत भी हो चुकी है. खुद स्पेशलिस्ट हैरान हैं कि इतनी बड़ी संख्या में लोग हार्टअटैक की चपेट में कैसे आ रहे हैं. इसी को लेकर इंडिया में करीब 10 हजार दिल के रोगियों पर स्टडी की गई. स्टडी में दिल के रोगों के होने की कई बड़ी वजह सामने आई है. उन्हें ही विस्तार से समझ लेते हैं.


धमनियों के सिकुड़ने से 72% को हार्ट अटैक


देश में 10,000 दिल के रोगियों पर स्टडी की गई. स्टडी में सामने आया कि इस्केमिक हृदय रोग या संकुचित धमनियों के कारण होने वाली समस्याएं भारत में हार्ट अटैक आने का सबसे बड़ा कारण हैं. 72% मामलों में यही देखा गया. इसके बाद डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी 18% है. इस बीमारी में दिल के कक्षों (वेंट्रिकल्स) में खिंचाव पैदा होता है.


रुमेटिक वाल्वुलर हार्ट डिसीज भी जिम्मेदार


एक ऐसी स्थिति जिसमें रुमेटिक बुखार से हृदय के वाल्व स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इसी को रुमेटिक वाल्वुलर हार्ट डिसीज कहा जाता है. 5.9% रोगियों में हार्ट अटैक आने का यही कारण देखा गया. इसके अलावा अन्य वाल्व रोग  2.1% लोगों को इफेक्टेड करते हैं.


Diabetes, High blood pressure भी जिम्मेदार


दिल के रोगों के लिए डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जिम्मेदार होते हैं. हालिया स्टडी में भी इन दिनों बीमारियों को हार्ट डिजीज के लिए प्रमुख कारणों में से एक माना गया है. डायबिटीज से 48.9% और हाई ब्लड प्रेशर से 42.3% लोगों का हार्ट फेल होने की संभावना होती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जीबी पंत अस्पताल में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर डॉक्टर ने कहा कि यह स्टडी हमारे लिए खतरे की घंटी है। सही समय और पेशेवर डॉक्टरों से इलाज न मिलना इस रोग का बड़ा कारक है. इसमें सुधार की आवश्यकता है.


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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.