Anant Ambani: इस बीमारी से जूझ रहे थे अनंत अंबानी, जानें क्या होते हैं इसके नुकसान
साल 2016 में अनंत अंबानी का वजन 208 Kg हो गया है. उन्होंने इसे कम करने की ठानी और डेढ़ साल के अंदर ही खूब पसीना बहाकर 108 किलो वजन घटा लिया था लेकिन कुछ समय बाद ही उनका वजन एक बार फिर बढ़ने लगा.
Anant Ambani : रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी की 12 जुलाई को शादी (Anant Ambani Wedding) होने जा रही है. इस शादी में देश ही नहीं कई इंटरनेशनल गेस्ट भी शामिल हो रहे हैं. दुनियाभर में इस शादी की चर्चा है. अनंत अंबानी की होने वाली दुल्हन राधिका मर्चेंट हैं. पिछले चार महीने से इस शादी की रस्में चल रही हैं. इस बीच अनंत अंबानी की जिंदगी के हर पहलू को लोग जानना चाहते हैं.
इसी साल मार्च में जामनगर में आयोजित प्री-वेडिंग सेलिब्रेशन में अनंत ने अपनी पूरी फैमिली के नाम एक इमोशनल स्पीच दिया और उसमें अपनी बीमारी का भी थोड़ा सा जिक्र किया था. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर वह कौन सी बीमारी थी, जिससे अंबानी के लाडले परेशान हो गए थे, उससे कैसे बाहर निकले...
अनंत अंबानी को कौन सी बीमारी थी
मुकेश-नीता अंबानी के बेटे अनंत अंबानी बचपन से ही अस्थमा की बीमारी से जूझ रहे थे. इस बीमारी के इलाज के लिए उन्हें स्टेरॉयड का हेवी डोज दिया जाता था. जिसके साइड इफेक्ट्स भी उन्हें झेलने पड़े. इस वजह से उनका वजन काफी ज्यादा बढ़ता गया. उन्होंने इसे कम करने की लाख कोशिशें की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. हालांकि, बाद में कड़ी मेहनत और अपनी लगन के दम पर उन्होंने अपना वजन काफी ज्यादा कम कर लिया था.
अनंत अंबानी ने इस तरह घटाया था वजन
अनंत को जानने वालों को उस वक्त सबसे ज्यादा हैरानी और खुशी भी हुई, जब उन्होंने सिर्फ 18 महीने में ही अपना 108 किलो वजन कम कर लिया था. बात साल 2016 की है. तब रिपोर्ट्स से पता चला कि अनंत अंबानी का वजन 208 Kg हो गया है. उन्होंने इसे कम करने की ठानी और डेढ़ साल के अंदर ही खूब पसीना बहाकर 108 किलो वजन घटा लिया था लेकिन कुछ समय बाद ही उनका वजन एक बार फिर बढ़ने लगा.
अस्थमा की बीमारी के क्या लक्षण हैं
1. सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है.
2. सांस छोड़ते समत व्हीजिंग होती है.
3. सीने में दबाव महसूस हो सकता है.
4. इलाज में स्टेरॉयड लेने पर मोटापा जैसी समस्या हो सकती है.
अनंत अंबानी की बीमारी का इलाज क्या है
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अस्थमा का कोई परमानेंट इलाज नहीं है. इसका प्रभाव कम करने के लिए मरीज को स्टेरॉयड देना पड़ता है. आमतौर पर इनहेलर या टैबलेट के जरिए इसे कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है. एनाल्जेसिक मेडिसिन इसके लक्षणों को कम कर सकते हैं. हालांकि, बीमारी की गंभीरता के आधार पर दवा की डोज दी जाती है. मेडिसिन डोज को मेंटेन करके ही अस्थमा के लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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