Mulayam Singh Yadav Diseases: समाजवादी पार्टी के संस्थापक और तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव का सोमवार सुबह 8:16 बजे निधन हो गया. मुलायम सिंह यादव की उम्र 82 साल थी और वे कई बीमारियों से जूझ रहे थे. आमतौर पर बढ़ती उम्र में इस तरह की बीमारियां घेर ही लेती हैं. लेकिन बदली हुई लाइफस्टाइल और खान-पान के कारण अब ये समस्याएं कम उम्र के लोगों में भी नजर आ रही हैं. यदि आप इन बीमारियों से जूझ रहे हैं तो सेहत संबंधी किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है, यहां जानें.
इन बीमारियों से जूझ रहे थे मुलायम सिंह यादव
- यूरिन इंफेक्शन
- ब्लड प्रेशर की समस्या
- सांस लेने में परेशानी
- किडनी इंफेक्शन
- लो ऑक्सीजन लेवल
इतनी सारी बीमारियां और बढ़ती उम्र का असर दोनों के चलते मुलायम सिंह यादव के कई अंगों ने एक साथ काम करना बंद कर दिया और वे हमारे बीच नहीं रहे. हालांकि वे पिछले करीब 9 दिन से क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती थे और वेंटिलेटर पर थे. अब आप यह जानें कि अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या है तो किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है ताकि समस्या गंभीर रूप ना ले सके.
यूरिन इंफेक्शन
- यूरिन इंफेक्शन होने के कई कारण होते हैं. ये व्यक्ति की उम्र, हाइजीन, बीमारी, दवाओं के सेवन, असुरक्षित यौन संबंध, गंदा टॉयलेट यूज करने जैसे कई कारणों के चलते हो सकता है.
- यूरिन इंफेक्शन के सबसे सामान्य लक्षण हैं, बार-बार यूरिन आना
- यूरिन के दौरान जलन होना या तीखी चुभन होना
- प्राइवेट पार्ट में खुजली या जलन होना
- यूरिन का रंग बदल जाना
यूरिन इंफेक्शन होने पर क्या करें?
- यूरिन इंफेक्शन होने पर सबसे पहले दो काम करें, पहला है हाइजीन मेंटेन करना और दूसरा है अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीना.
- हाइजीन मेटेंन करने से संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया अधिक पनप नहीं पाते हैं और अधिक मात्रा में पानी पीने से बार-बार पेशाब आता है, जिससे बैक्टीरिया शरीर से बाहर निकल जाते हैं.
- समस्या बढ़ने से पहले डॉक्टर को दिखा लेना अच्छा होता है. ताकि बीमारी को जल्दी कंट्रोल किया जा सके और दवाएं भी कम खानी पड़ें.
- कहीं भी सार्वजनिक शौचालय उपयोग करते समय टॉयलेट सीट को उपयोग करने से पहले और बाद में दोनों बार फ्लश जरूर करें. ऐसा करके आप संक्रमण की संभावना को काफी हद तक कम कर सकते हैं.
ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर क्या करें?
- ब्लड प्रेशर की समस्या मुख्य रूप से दो रूपों में हो सकती है, एक बीपी हाई होना और दूसरा बीपी लो होना.
- बीपी लो होने पर चक्कर, कमजोरी, घबराहट जैसे लक्षण मिलते हैं.
- बीपी हाई होने पर सांस अटकना, सिर घूमना, गुस्सा आना, पसीना आना, अचानक तेज गर्मी लगना, चेहरे पर और शरीर में झनझनाहट होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
- इन दोनों ही स्थितियों में शरीर पर बुरा असर पड़ता है और तबीयत गड़बड़ा जाती है. तुरंत डॉक्टर से मिलें और उनके बताए अनुसार, खान-पान और दवाओं का सेवन करें.
क्यों होती है सांस लेने में परेशानी?
- सांस लेने में परेशानी की मुख्य वजह फेफड़ों का ठीक प्रकार से काम ना करना होता है. इस कारण शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होने लगता है, जब ऑक्सीजन का लेवल घटता है तो शरीर में कई दूसरे रोग तेजी से हावी होने लगते हैं. जैसे, मूर्छा आना, दिमाग का ठीक से काम ना करना, हार्ट पर प्रेशर पड़ने से हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ना, किडनी का ठीक ढंग से काम ना कर पाना इत्यादि.
- सांस लेने में समस्या होने पर शुरुआत में आपको सांस छोट आती है, साथ ही सांस लेने के लिए जोर लगाना पड़ता है. ऐसा होने पर आप तुरंत नाक की जगह मुंह से सांस लेना शुरू करें, बीच-बीच में पानी पिएं और तुरंत जाकर डॉक्टर से मिलें और उनकी गाइडेंस में दवाओं सेवन करें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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