(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अचार में ढ़ेर सारे सरसों का तेल डालने के पीछे ये है लॉजिक, जानते हैं क्या...
अचार में सरसों तेल डालने के पीछे है ये हेल्दी कारण. शायद ही आप जानते होंगे.
गर्मियों में खासकर मई-जून के महीने में इंडिया के नॉर्थ साइड में खूब सारे अचार बनाए जाते हैं. आम, नींबू, अदरक, लहसुन, गोभी, गाजर, मूली और कटहल के अचार बनाए जाते हैं. अचार किसी भी चीज के साथ आप खा लीजिए स्वाद दोगुना बढ़ जाता है. भारत में आज से नहीं कई सालों से कई तरह की चटनी और आचार बनाने की परंपरा चली आ रही है. इंडियन अचारों में कई तरह के मसालें और स्वाद बढ़ाने के लिए उसमें ढेर सारा सरसों का तेल डाला जाता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या अचार में दूसरे तरह के कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं? क्यों अचार में सिर्फ सरसों का तेल ही डाला जाता है?
इसलिए अचार में डाला जाता है सरसों का तेल
सरसों तेल में कई तरह के पोषक गुण होते हैं जो अचार को सड़ने से बचाता है. इसलिए इसमें ढ़ेर सारे सरसों का तेल का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है. सरसों का तेल इस्तेमाल करने के पीछे खास कारण यह भी है कि इसके खुशबू को बढ़ाया जा सके. साथ ही साथ इसके स्वाद को भी, लास्ट और सबसे जरूरी बात अचार को हम काफी लंबे वक्त स्टोर करके रखते हैं इसलिए ताकि यह सड़े नहीं और काफी टाइम तक फ्रेश रहे इसलिए भी सरसों तेल का इस्तेमाल करते हैं. किसी भी अचार को सरसों के तेल में घुलने के लिए छोड़ दिया जाता है. अचार में सरसों तेल डालने का रिवाज काफी समय से चली आ रही है.
सरसों का तेल ज्यादा शुद्ध होता है
दूसरे तेल के मुकाबले सरसों का तेल ज्यादा शुद्ध होता है. सरसों का तेल आमतौर पर सरसों के बीज को पीसकर इसमें से शुद्ध तेल निकाला जाता है. भारत में सरसों तेल की तुलना आयुर्वेदिक दवा की तरह कि जाती है. कोल्ड-कफ से लेकर, खाने तक में इसका यूज किया जाता है. इस तेल को आप बाल में लगाएं या अचार में डालकर खाएं इसके फायदे आपको तुरंत दिख जाएंगे. अचार में सुगंध, स्वाद और पोषण बढ़ाने के लिए ढ़ेर सारे सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता है.
अचार को सड़ने और फफूंदी से बचाने के लिए सरसों का तेल डाला जाता है
आपको किसी भी इंडियन किचन में सरसों का तेल, घी और अचार आसानी से मिल जाएगा. अचार को खराब होने या फफूंदी से बचाने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता है. सरसों के तेल में रोगाणुरोधी, जीवाणुरोधी और एंटीफंगल गुण भर-भर कर होते हैं. जोकि अचार को खराब होने से बचाते हैं. अचार में तेल का इस्तेमाल सिर्फ स्वाद ही नहीं स्मेल भी बढ़ाने के लिए किया जाता है. ताकि अचार को सालों तक स्टोर किया जा सके.
ये भी पढ़ें: इस तरह दाल में लगाएंगी तड़का तो बच्चे कभी नहीं करेंगे बाहर खाने के ज़िद, ये है ढाबा स्टाइल चना दाल तड़का रेसिपी
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )