बच्चों को टीवी-मोबाइल से रखें दूर, वरना हो जाएगा मायोपिया, 20 साल में तीन गुना बढ़ा इस बीमारी का खतरा
आजकल, बच्चों में टीवी और मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से मायोपिया का खतरा बढ़ रहा है. पिछले 20 वर्षों में, इस बीमारी में तीन गुना वृद्धि देखी गई है. आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में..
आजकल के समय में, बच्चे अपना ज्यादातर समय टीवी देखने या मोबाइल पर गेम खेलने में बिताते हैं.जिससे उनकी आंखों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है. मायोपिया, जिसे नजदीक की चीजें धुंधला दिखाई देने की समस्या कहते हैं, पिछले 20 सालों में, इस समस्या ने तीन गुना बढ़ोतरी की है. यह न सिर्फ उनकी दृष्टि को कमजोर करता है बल्कि उनके पढ़ाई में भी बाधा डालता है. इसलिए, बच्चों को स्क्रीन के सामने ज्यादा समय नहीं बिताने देना चाहिए. आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में..
मायोपिया क्या है जानें?
मायोपिया एक आम आंखों की समस्या है, जिसे आम तौर पर 'निकट दृष्टि दोष' के नाम से जाना जाता है. इस स्थिति में, लोग दूर की चीजों को धुंधला देखते हैं, जबकि पास की चीजें उन्हें साफ नजर आती हैं. यह तब होता है जब हमारी आँख का आकार थोड़ा बदल जाता है और प्रकाश की किरणें सीधे रेटिना पर नहीं पड़तीं. मायोपिया ज्यादातर पढ़ाई या मोबाइल, टीवी जैसे स्क्रीन के ज्यादा इस्तेमाल से होता है. यह बचपन या किशोरावस्था में शुरू हो सकता है और समय के साथ बढ़ सकता है. सही चश्मे या लेंस के इस्तेमाल से मायोपिया को सही किया जा सकता है, इसलिए आंखों की जांच नियमित रूप से करवाना जरूरी होता है.
जानें कैसे बचाएं इस बीमारी से
- स्क्रीन टाइम सीमित करें: बच्चों को टीवी, मोबाइल, टैबलेट जैसी स्क्रीन पर ज्यादा समय न बिताने दें. रोजाना के उपयोग को सीमित करें और छोटे-छोटे ब्रेक लेने के लिए प्रोत्साहित करें.
- बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें: बच्चों को रोजाना कुछ समय बाहर धूप में खेलने के लिए प्रोत्साहित करें. नेचुरल लाइट में रहने से आंखों की सेहत में सुधार होता है.
- पढ़ाई का सही माहौल: सुनिश्चित करें कि पढ़ाई करते समय बच्चे अच्छी रोशनी में हों और किताबें उनकी आँखों से उचित दूरी पर हों.
- आंखों की नियमित जांच: बच्चों की आंखों की नियमित जांच करवाएं, ताकि किसी भी समस्या की पहचान जल्दी हो सके.
- स्वस्थ आहार: बच्चों को विटामिन A, C, और E तथा जिंक जैसे आँखों के लिए अच्छे पोषक तत्वों से भरपूर आहार दें.
- आंखों के व्यायाम: बच्चों को आँखों के व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित करें, जैसे कि आंखों को घुमाना या फोकस बदलना.
- नजदीकी गतिविधियों में ब्रेक लेना: बच्चों को सिखाएं कि वे पढ़ाई या मोबाइल देखते समय हर 20 मिनट में कुछ समय के लिए 20 फीट दूर की चीजों पर ध्यान केंद्रित करें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें :
आप प्रेग्नेंट हैं और व्रत करना है? तो इस बात का ध्यान रखना, वरना लंबे टाइम तक रहेगी दिक्कत
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )