कब्ज ( Constipation Relive) से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले इसके कारणों को जानना जरूरी है. डॉक्टर से लेकर हेल्थ एक्सपर्ट तक कहते हैं कि कब्ज से छुटकारा पाना है तो अपने डाइट में ज्याजा से ज्यादा फाइबर और पोषक तत्व को शामिल करें. कब्ज एक खराब पाचन क्रिया का संकेत है. कब्ज के कारण कई तरह की असुविधा भी हो सकती है. इसलिए जिन लोगों को अक्सर कब्ज की शिकायत होती है उन्हें अपनी लाइफस्टाइल या डेली रूटीन में आयुर्वेद, नैचुरल हर्बस और ऑर्गेनिक चीजों को शामिल करनी चाहिए. कब्ज को जड़ से खत्म करना है तो उसके लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल को बेहतर करनी ही पड़ेगी. ताकि ठीक से आंत साफ हो सकते है. 


कब्ज से निपटने के लिए तीन खास टिप्स


दोपहर के खाने के बाद गुड़ और घी जरूर खाएं


3-4 बजे के बीच एक स्थानीय तरबूज या केला जरूर खाएं. 


रात के खाने में रोटी/भाकरी के साथ तिल के बीज जरूर खाएं


इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक गुड़ एक नैचुरल स्वीटनर है. इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है और यह पाचन को ठीक करने का काम करता है. इसलिए गुड़ में घी मिलाकर खाएं इससे आपकी पाचन क्रिया एकदम अच्छी हो जाएगी. जिन लोगों को अक्सर कब्ज की शिकायत रहती है उन्हें सुबह खाली पेट गुड़ और घी को मिलाकर खाना चाहिए. तुरंत फायदा दिखेगा. नानावटी मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल मुंबई की फेमस डाइटिशियन डॉ. उषाकिरण सिसौदिया ने कहा कि डायबिटीज और कि़डनी की बीमारी वाले लोग घी और गुड़ न खाएं क्योंकि इससे उनकी तबियत खराब हो सकती है. 


कब्ज से छुटकारा चाहिए तो इन चीजों को अपनी लाइफस्टाइल में शामिल करें


कब्ज की शिकायत है तो तरबूज है खास


डॉ. उषाकिरण सिसौदिया के मुताबिक खासकर वैसे लोग जिन्हें अक्सर कब्ज रहता है वह 3-4 बजे के बाद तरबूज खाएं क्योंकि यह शरीर को हाइड्रेट रखने का काम रता है. यही कारण है कि दोपहर के खाने के बाद इसे खाने से काफी ज्यादा फायदा पहुंचता है. चपाती के आटे में तिल मिलाकर भी खा सकते हैं. तिल को भूनकर भी खा सकते हैं. 


त्रिफला


तीन महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों - अमलाकी (आंवला), बिभीतकी (बहेड़ा), और हरीतकी (चेनुलिक मायरोबालन) का संयोजन त्रिफला के नाम से जाना जाने वाला मिश्रण है. “त्रिफला मल त्याग में सुधार करता है, पाचन तंत्र को साफ करता है और शरीर से टॉक्सिक पदार्थ को बाहर निकालता है. बेहतर परिणाम के लिए आप सोने से ठीक पहले गर्म पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला पाउडर ले सकते हैं.


अरंडी का तेल


अरंडी का तेल प्राकृतिक फैटी एसिड से भरपूर होता है जो आंतों को चिकना बनाता है, जिससे मल त्यागने में आसानी होती है. आप अरंडी के तेल को सुबह एक कप गर्म दूध में मिलाकर ले सकते हैं. अपने डाइट में अरंडी का तेल शामिल करते समय, अधिक व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए आयुर्वेदिक उपचार विशेषज्ञ से बात करना बेहतर है.


पटसन के बीज


डॉ. वर्मा के अनुसार, अलसी के बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड और आहार फाइबर की उच्च मात्रा होती है. यह मल को नरम करने में मदद करता है और नियमित मल त्याग को प्रोत्साहित करता है. पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आप नियमित रूप से गर्म पानी या दही के साथ एक चम्मच अलसी के बीज ले सकते हैं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.