Dengue Cases: दिल्ली में अब तक डेंगू के 2 हजार मरीज, खूब प्रसारित हो रहे इन मिथ्स से रहें सावधान
Dengue Fever Cases: दिल्ली में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. देशभर में भी मच्छरों से फैलने वाला यह बुखार अपना असर दिखा रहा है. इसके फैलने और ठीक होने को लेकर कई झूठी बातें तैर रही हैं, जानें सच..
Myths And Facts About Dengue: इस समय देश में डेंगू के मरीज काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बुखार के बढ़ते ग्राफ का कारण चिंता बढ़ना सामान्य बात है. ऐसे में जरूरत होती है कि अतिरिक्त सावधानी बरती जाए ताकि इस बीमारी को फैलाने वाले मच्छर घर के आस-पास कहीं भी पनप ना पाएं. डेंगू के मच्छरों को पनपने से बचाने का प्रयास सामूहिक होना चाहिए. यदि सभी अपनी जिम्मादारी को समझते हुए घर के आस-पास किसी बर्तन या जगह में साफ पानी को जमा ना होने दें तो डेंगू के खतरे से बचा जा सकता है.
जब कोई बीमारी या संक्रमण फैलता है तो इसके साथ में इससे जुड़े कई तरह के मिथ्स भी फैलते हैं. इस समय ऐसा ही कुछ डेंगू के केस में भी हो रहा है. दुख की बात यह है कि यदि डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी के बारे में कोई व्यक्ति मिथ्स का शिकार हो जाए तो यह बुखार जानलेवा साबित हो सकता है. इस समय जो सबसे अधिक प्रचलित मिथ्स हैं, वे इस प्रकार हैं.
1. डेंगू और कोविड कभी एक साथ नहीं हो सकते
सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि थाइलैंड, बांग्लादेशन, सिंगापुर जैसे देशों में भी ऐसे कई केस सामने आए हैं, जिनमें रोगी को कोविड और डेंगू का इंफेक्शन एक साथ हुआ हो. हालांकि इन मामलों में ऐसा भी हुआ है कि प्रारंभिक जांच में केवल कोविड टेस्ट पॉजिटिव आता है और डेंगू नेगेटिव लेकिन फिर अचानक से तेज बुखार के साथ डेंगू के लक्षण भी शरीर पर हावी हो जाते हैं. इसलिए यह भ्रम ना पालें कि कोविड है तो डेंगू नहीं हो सकता है और कुछ दिन पहले ही कोविड से ठीक हुए हैं तो डेंगू नहीं हो सकता, ये सिर्फ मिथ्स हैं.
2. डेंगू लाइफ में सिर्फ एक बार होता है
यह भी एक बहुत प्रचलित भ्रांति है कि डेंगू जीवन में सिर्फ एक बार होता है. ऐसा बिल्कुल नहीं है. क्योंकि किसी भी व्यक्ति को जिंदगी में 4 से 5 बार भी डेंगू हो सकता है और इससे अधिक भी. यह भी संभव है कि डेंगू पहली बार में जितना घातक रहा हो, अगली बार में इससे भी अधिक गंभीर लक्षणों के साथ नजर आए. इसलिए इस फीवर को कभी भी माइल्ड समझने की भूल नहीं करनी चाहिए और डॉक्टर के कहे अनुसार सही प्रकार से दवाओं का सेवन करना चाहिए.
3. डेंगू के कोई प्रकार नहीं होते
यह एक मिथ है कि डेंगू सिर्फ एक ही तरह का होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)के अनुसार, डेंगू के वायरस के 4 सीरोटाइप होते हैं. जब किसी व्यक्ति को डेंगू हो जाता है तो उसके शरीर में सिर्फ उस सीरोटाइप के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है, जिस सीरोटाइप का डेंगू उसे हुआ होता है. यह प्रतिरोधक क्षमता डेंगू के अन्य सीरोटाइप के लिए अस्थाई और आंशिक होती है. इसलिए दूसरी या तीसरी बार में होने वाला डेंगू पहले हुए डेंगू की तुलना में अधिक घातक हो सकता है.
4. पपीते की पत्तियों के रस से डेंगू ठीक हो जाता है
डेंगू से जुड़े घरेलू नुस्खों में यह उपाय बहुत अधिक प्रचलित है कि पपीते के पत्तों के रस से डेंगू ठीक हो जाता है. दरअसल, पपीते के पत्तों का रस डेंगू से लड़ रहे पेशेंट की हेल्थ को इंप्रूव करने में मददगार होता है ना कि यह डेंगू का कोई इलाज है. जब दवाओं के माध्यम से डेंगू का इलाज चल रहा होता है, तब पपीते के पत्तों का रस पिलाने से प्लेटलेट्स को मेंटेन रखने में मदद मिलती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें-
जमकर खीर खाएं और मलेरिया का खतरा दूर भगाएं, शरद ऋतु में सेहतमंद रहने का है ये सीक्रेट
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )