Mental Problem: खुद की तारीफ सुनना सभी को पसंद है. लोग चाहते हैं कि जमाना उनकी तारीफ करे, लेकिन जिनकी तारीफ होती है, उनके काम भी ऐसे होते हैं. जो अच्छा करता है, उसकी तारीफ और जो बुरा करता है उसकी बुराई. यही सोसाइटी का नियम है, लेकिन कोई काम भी अच्छा नहीं कर रहा और अगर चाहे कि दुनिया उसकी तारीफ करे, तो ऐसा होता नहीं है.
यदि कोई बुराई कर दे तो मूड का चिड़चिड़ा हो जाना, सामलेवाले से झगड़ा करने लग जाना, खुद को सर्वश्रेष्ठ मान बैठना आदि. अगर किसी के बिहेवियर से यह लक्षण मैच कर रहे हैं तो उन्हें Alert होने की जरूरत है. दरअसल खुद को सर्वश्रेष्ठ मानना और बुराई सुनने पर झगड़ पड़ना, यह मेंटल डिसऑर्डर की निशानी है. इसे मेडिकल भाषा में पर्सनैलिटी डिसऑर्डर कहा जाता है. इसका समय पर इलाज न किया जाए तो नतीजे घातक हो सकते हैं, आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में
Narcissist Personality Disorder
‘नार्सिसिस्म’ वह मानसिक अवस्था होती है, जिसे नार्सिसिस्ट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (NPD) कहा जाता है. ये डिसऑर्डर कई तरह के पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में से एक है. इस बीमारी से पीड़ित लोग खुद को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं. ऐसे लोग खुद पर अधिक ध्यान देते है. अपनी प्रशंसा सुनना चाहते हैं. सामान्य रिश्ते बनाने में उन्हें परेशानी होने लगती है. ऐसे लोग दूसरों के लिए इमोशनल भी नहीं होते. बस खुद में आत्ममुग्ध रहना, यही उनकी प्राथमिकता होती है.
बीमारी ऐसे लेती है चपेट में
ऐसे लोग खुद के सामने दूसरों को छोटा समझते हैं. बुराई होने पर बिखर जाते हैं. उनका कॉन्फिडेंस लेवल डाउन हो जाता है. उन्हें बचपन से सिर्फ तारीफ सुनने की आदत होती है. ऐसे लोग तेजी से इस बीमारी की चपेट में आते हैं. डिप्रेशन और एंग्जायटी साथ आ जाती हैं.
ऐसे करें इलाज
- मेडिटेशन करना
- खुद की अच्छाई व बुराई का मूल्यांकन करना
- दूसरों से कम्पेरिजन करना बंद करना
- ये न समझें कि आप जैसा दुनिया में एक ही है
- खुद की अधिक तारीफ सुनने से बचें
- डॉक्टर को दिखाकर इलाज कराएं
यह भी पढ़ें:
Myasthenia Gravis: क्या है मायस्थेनिया ग्रेविस? PK फेम अरुण बाली की हुई इसी से मौत