Naseeruddin Shah: दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में बताया कि वह ओनोमेटोमेनिया नामक बीमारी से पीड़ित हैं. दरअसल, इस बीमारी के मरीज कुछ शब्दों का इस्तेमाल बार-बार अपनी बातों में करते हैं. एक्टर बताते हैं कि जब वह सोते भी हैं तो उन्हें इस बीमारी का ख्याल सताता है.


इस पूरे मामले पर एबीपी लाइव हिंदी ने कोलकाता में 'नारायणा हॉस्पिटल' में साइकोलॉजिस्ट डॉ. बसब राज घोष से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर समझिए जैसे किसी व्यक्ति ने एक गाना, गाना शुरू किया तो बंद ही नहीं कर रहा है. इसका मतलब यह भी हो सकता है कि आप ओनोमेटोमेनिया की बीमारी से पीड़ित हैं. यह बीमारी बाकी दूसरी बीमारियों से थोड़ी अलग है. शायद ही कुछ लोग इसके बारे में जानते होंगे. 


एक्सपर्ट के मुताबिक यह बीमारी एक मेंटल डिसऑर्डर है. इस बीमारी में व्यक्ति ही शब्द या वाक्य का बार-बार इस्तेमाल करता है. अगर व्यक्ति उस शब्द का इस्तेमाल नहीं कर पाता है तो उसे बैचेनी होने लगती है. जिसके कारण वह परेशान और निराश होने लगता है. इससे आगे जाकर चिंता, चिड़चिड़ापन और गुस्सा भी होने लगता है. यह बीमारी एक तरह से पर्सनैलिटी का हिस्सा मानी जाती है. इस बीमारी की खासियत यह है कि यह  साहित्य और आर्ट से जुड़े पढ़ने- लिखने वाले लोगों को ज्यादा होने की संभावना होती है. इसमें व्यक्ति चुप नहीं होता बल्कि सोने के दौरान भी अपना पसंदीदा शब्द दोहराता रहता है. 


ओनोमैटोमेनिया के लक्षण 


इस बीमारी के लक्षण है बार-बार शब्दों को दोहराना


सोते वक्त भी अपने ही पसंदीदा शब्दों के बारे में बात करना


अगर शब्द रिपीट करने का मौका न मिले तो बैचेनी होना. 


हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक इसका कोई सटीक इलाज नहीं है. अगर इसे कंट्रोल में रखना है तो आपको अपनी लाइफस्टाइल ऐर रूटीन में खास बदलाव करने होंगे. यह बीमारी एक बार किसी को लग जाए तो फिर कोई दवा नहीं बल्कि आपकी प्रैक्टीस ही इसे कंट्रोल में रख सकती है.


सीबीटी यानी कि की कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी करवा सकते हैं. इसके अलावा इस बीमारी में  एंग्जाइटी और डिप्रेशन वाली दवाएं भी दी जाती है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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