राष्ट्रीय एमएससी मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से खास मुलाकात की. इस दौरान मेडिकल शिक्षकों के साथ कई सारे चुनौतियों खासकर 'राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग' के नियमों के लेकर खास चर्चा की. एनएमएमटीए के अध्यक्ष डॉक्टर अर्जुन मैत्रा और सचिव डॉक्टर अयान दास ने कार्यालय के 100 दिन सफलतापूर्वक पूरा किया है.
'राष्ट्रीय एमएससी मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन' (एनएमएमटीए) ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा
'राष्ट्रीय एमएससी मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन' (एनएमएमटीए) ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की और मेडिकल शिक्षकों को प्रभावित करने वाली प्रमुख चुनौतियों के बारे में चर्चा की. खासकर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा विनियमों के संबंध में चर्चा की. बैठक में एनएमएमटीए के अध्यक्ष डॉ. अर्जुन मैत्रा और सचिव डॉ. अयान दास ने भाग लिया है. जिसमें मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ की कमी और एमएससी और पीएचडी प्रशिक्षकों पर एनएमसी विनियमों के प्रतिकूल प्रभाव से संबंधित मुद्दों पर खास चर्चा की गई. एसोसिएशन ने एक प्रेस रीलिज भी किया है. जिसमें इस बैठक के बारे में विस्तार से बताया गया है.
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एनएमसी नीति सुधारों पर जोर
डॉ. मैत्रा और डॉ. दास ने एनएमसी नीतियों में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया है. जिसमें मेडिकल शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षकों द्वारा कानूनी हस्तक्षेप पर बढ़ती निर्भरता को एक बाधा बताया गया. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन के कई सदस्यों ने इन विनियमों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए खुद को महंगे और समय लेने वाले कानूनी हस्तक्षेपों का सहारा लेते हुए पाया है.
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इस दौरान एनएमसी नियमों के कारण होने वाली दिक्कतों और कठिनाइयों के बारे में खुलकर चर्चा की. एनएमएमटीए अधिकारियों ने एमएमसी की भेदभावपूर्ण स्थिति के बारे में खुलकर बात की. साथ ही बताया कि एसोसिएशन और उसके मेंबर को अनावश्यक रूप से महंगा और समय लेने वाली कानूनी हस्तक्षेप करना पड़ता है. डॉक्टर अर्जुन मैत्रा ने व्यापक हित के लिए निष्पक्ष निर्णय लेने के लिए मंत्रालय की क्षमता पर भरोसा जताया है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें..
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