Type 2 Diabetes : नेचुरल लाइट यानी सूरज की रोशनी टाइप 2 डायबिटीज के इलाज और रोकथाम में मदद कर सकता है, एक शोध से पता चला है. इस शोध में टाइप 2 डायबिटीज के कुछ मरीजों को दो अलग-अलग स्थितियों में रखा गया - एक तो प्राकृतिक प्रकाश में और दूसरा कृत्रिम प्रकाश (बल्ब की रोशनी) में. फिर उनके ब्लड शुगर लेवल्स की जांच की गई. पाया गया कि जब मरीज प्राकृतिक प्रकाश में थे तब उनका ब्लड शुगर सामान्य स्तर पर ज्यादा समय तक बना रहा. इससे यह पता चलता है कि प्राकृतिक प्रकाश टाइप 2 मधुमेह के इलाज और रोकथाम में मददगार हो सकता है.
नेचुरल लाइट डायबिटीज के लिए फायदेमंद
हाल ही में जर्मनी में आयोजित यूरोपीय मधुमेह अध्ययन संघ की वार्षिक बैठक में एक छोटे से शोध के नतीजे प्रस्तुत किए गए. इस शोध में टाइप 2 मधुमेह के 13 मरीजों को दो अलग-अलग परिस्थितियों में रखा गया - प्राकृतिक प्रकाश और कृत्रिम प्रकाश. शोधकर्ता आइवो हेबेट्स का कहना है कि हमारे शरीर का प्राकृतिक दैनिक चक्र (सर्केडियन रिथम) और समाज की 24x7 की मांगों के बीच का अंतर मधुमेह जैसी बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है. प्राकृतिक प्रकाश जैसे कि सूर्य की रोशनी हमारे शरीर के चक्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है. लेकिन आजकल अधिकतर लोग घरों के अंदर रहकर कृत्रिम प्रकाश के संपर्क में हैं. ऐसे में प्राकृतिक प्रकाश से जुड़ना और अपने शरीर के प्राकृतिक चक्र को बहाल रखना महत्वपूर्ण है. यह मधुमेह जैसी बीमारियों से बचाव कर सकता है.
नेचुरल लाइट में रहने से शुगर रहेगा कंट्रोल
टाइप 2 डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही है. नेचुरल लाइट शरीर के सिर्केडियन रिदम को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो हमारे हार्मोनल संतुलन को प्रभावित करता है. प्रकाश की कमी से इन्सुलिन का उत्पादन कम हो जाता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है. नए शोध बताते हैं कि अगर दिन के वक्त पर्याप्त प्रकाश न मिले, तो टाइप 2 डायबिटीज का खतरा और बढ़ जाता है. इस रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि नेचुरल लाइट में रहने से शुगर पर बेहतर कंट्रोल रहा.
नेचुरल लाइट से मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है
इस रिसर्च से ये साबित होता है कि प्राकृतिक रोशनी शरीर की मेटाबॉलिज्म के लिए फायदेमंद है. यानी टाइप 2 डायबिटीज और मोटापा जैसी बीमारियों से बचाव में मददगार हो सकती है. इस रिसर्च को करने वाले डॉक्टर्स का कहना है कि नेचुरल लाइट मिलने से शरीर का मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है और शुगर भी कंट्रोल में रहती है.