Period Experiences: नव्या नवेली ने नानी जया बच्चन से पूछा, जब पहली बार आपको पीरियड्स आया था तो क्या रिएक्शन था
अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की नातिन नव्या नवेली नंदा (Navya Naveli Nanda) ने पॉडकास्ट (Podcast) पर डेब्यू किया है. नव्या एक शो होस्ट करती हैंं जिसका नाम है What the hell navya.
What The Hell Navya: अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की नातिन नव्या नवेली नंदा (Navya Naveli Nanda) ने एक शो के जरिए पोडकास्ट (Podcast) पर डेब्यू किया है. शो का नाम है 'What the hell navya' , इसे लेकर नव्या इन दिनों काफी सुर्खियों में बनी हुई हैं. इस शो में नव्या अपनी नानी जया बच्चन और अपनी मां श्वेता बच्चन से उनकी जिंदगी से जुड़ी कई तरह के सवाल करती हैं. इसी शो का एक वीडियो क्लिप काफी वायरल हो रहा है. जिसमें वह अपनी नानी और मां से पीरियड्स का फर्स्ट एक्सपीरियंस के बारे में पूछती नजर आ रही हैं.
श्वेता बच्चन ने शेयर किया पीरियड्स का फर्स्ट एक्सपीरियंस
नव्या की मांं श्वेता बच्चन ने अपना पीरियड्स का फर्स्ट एक्सपीरियंस शेयर करते हुए कहा,'मुझे जब फर्स्ट पीरियड्स आया था तो मैं बिस्तर पर लेटकर चॉकलेट और ढेर सारा कार्ब्स खाती थी. उस वक्त मुझे अकेले रहना अच्छा लगता था . वहीं जया बच्चन ने जब पीरियड्स का फर्स्ट एक्सपीरियंस शेयर किया तो माहौल थोड़ा हटकर था. जया बताती हैं,'फिल्म की शूटिंग के दौरान मुझे फर्स्ट पीरियड आया. उस वक्त आज के समय की तरह वैनिटी वैन नहीं होते थे.
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जया बच्चन का पीरियड्स का फर्स्ट एक्सपीरियंस सुनकर आप भी हो जाएंगे हैरान
जया बताती हैं,' शूटिंग बिल्कुल खुले में होता था. पीरियड के वक्त उस वक्त हमलोग पैड नहीं बल्कि सैनिटरी कपड़े यूज करते थे. जब भी चेंज करना होता था तो झाड़ियों के पीछे जाकर कपड़े बदलते थे. सबसे शर्मिंदगी तो तब होती थी जब यूज किया हुआ सैनिटरी पैड को आप डस्टबीन या बास्केट में नहीं डाल सकते थे. आपको घर से प्लास्टिक का एक बैग लेकर जाना होता था और उसमें यूज किया हुआ सैनिटरी पैड रखकर घर जाते वक्त फेंकते हुए जाना पड़ता था. जया आगे कहती हैं सोचो शूटिंग के दौरान 4-5 सैनिटरी टॉवल हो तो आप बैठेने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.
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'पीरियड्स' शब्द भी यूज नहीं कर सकते थे
नव्या ने पीरियड्स को लेकर अपनी नानी और मां से जो बातें की हैं. उसका एक वीडियो उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है. शेयर करते हुए लिखा- पीरियड्स और बच्चे के जन्म को लेकर सबसे कम बात की जाती है. सिर्फ इतना ही नहीं हम 'पीरियड्स' शब्द जोर से बोल भी नहीं सकते हैं. नव्या ने पूछा, मां और नानी उस वक्त आपको किसी को बताना है कि आपको पीरियड आए हैं तो आप क्या यूज करते थे? नव्या आगे कहती हैं, 'मां आपके टाइम में 'P' और 'चम्स' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था.'
आज के समय में एक चीज अच्छा है कि अब आप लोग से यह तो कह सकते हैं कि आपका पीरियड्स चल रहा है. हमारी सोसायटी में पीरियड्स को लेकर बात करना बेहद जरूरी है. क्योंकि कई लड़की ऐसी हैं जिन्हें पीरियड्स नहीं आता है. आपस में बात करने से वह भी इन सब चीजों को लेकर जागरूक होती हैं.
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क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट दिव्या रतन
'क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट' दिव्या रतन कहती हैं,' इस मामले में हमें खुलकर बात करने की जरुरत है. खासकर तब जब समाज का एक बड़ा हिस्सा पीरियड्स को लेकर बात करने से कतरा रहा है. जिन लड़कियों को रेगुलर पीरियड्स आ रहे हैं इसका मतलब है वह हेल्दी है जिन्हे नहीं आ रहे हैं उनके लिए परेशानी की बात है.' दिव्या रतन आगे कहती हैं,'लड़का हो या लड़की दोनों के लिए पीरियड्स को लेकर एजुकेट करना जरूरी है. इंडियन सोसायटी में सेक्स और पीरियड्स को लेकर स्टिग्मा बना हुआ है. यह सब को दूर करने के लिए लड़का हो या लड़की हमें दोनों को स्कूल में इसकी शिक्षा देनी चाहिए. '
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