नयी दिल्ली: देश में 2015 में डायबिटीज के कारण 3.46 लाख लोगों की जान गयी जबकि 2005 में इसके कारण 2.24 लाख लोगों की जान गयी थी. सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, देश में जिन कारणों से लोगों की मौत होती है, उसमें डायबिटीज का नंबर सातवां है.
2005 में डायबिटीज थी 11वें नंबर पर-
हेल्था मिनिस्टटर फग्गन सिंह कुलस्ते ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 2005 में देश में जिन कारणों से लोगों की मौत होती है, उसमें डायबिटीज का स्थान 11वां था.
2015 में 7 करोड़ लोग डायबिटीज के मरीज-
उन्होंने कहा कि 2015 में देश में करीब सात करोड़ लोग डायबिटीज से प्रभावित थे. यह आंकड़े भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने ग्लोबल बर्डन आफ डिजीज रिपोर्ट 2015 के आधार पर दिए हैं.
लंग कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर-
मिनिस्टेर ने एक अन्य सवाल के जवाब में देश में 2020 तक लंग कैंसर के कारण एक लाख से अधिक लोगों और ब्रेस्ट कैंसर के कारण 75 हजार जानें जाने की आशंका है.
2020 में कैंसर के मरीज-
फग्गन सिंह ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के अनुमान के हवाले से बताया कि 2020 तक देश में करीब 128451 मुंह के कैंसर, 179790 ब्रेस्ट कैंसर और 104060 गर्भाशय कैंसर के मामले होने की आशंका है.
उन्हों्ने ये भी बताया कि 2020 तक देश में ब्रेस्ट कैंसर से 74463, गर्भाशय कैंसर से 69292 और फेफड़ों के कैंसर से 109710 मौतें होने की आशंका है.
भारत में डायबिटीज के कारण 2015 में गईं साढ़े तीन लाख जान!
ABP News Bureau
Updated at:
08 Feb 2017 08:28 AM (IST)
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