नई दिल्लीः भारत में आमतौर पर देखा गया है कि पुरुष नाईं की दुकान पर बाल कटवाने के साथ ही सिर और गर्दन की मसाज करवाते हैं. नाई गर्दन को और चिन को पकड़कर गर्दन को लेफ्ट और राइट साइड झुकाकर भी मसाज करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं इस तरह से गर्दन की मसाज करवाने आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है.


जी हां, हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जान आप भी दंग रह जाएंगे.


क्या है मामला-
54 वर्षीय अजय कुमार पिछले महीने सैलून से बाल कटवाकर और मसाज करवाकर लौटे. ऐसा वो अक्सर करते थे. लेकिन लौटने के बाद अचानक वे हांफने लगे और उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी.


क्या हुआ था अजय को-
मेंदाता हॉस्पिटल के रेस्पिरेटरी एंड स्लिप मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ. आनंद जैसवाल के मुताबिक, अजय की गर्दन की मसाज के दौरान फेरनिक नर्व्स डैमेज हो गई थी. ये नर्व्स डाइअफ्रैम को कंट्रोल करती है. जो बदले में सांस को कंट्रोल करते हैं. पीएसयू एंप्लाई अजय कुमार को वेंटिलेशन पर रखा गया जिससे उन्हें सांस लेने में मदद मिल सके.


डॉ. जैसवाल ने बताया कि अजय का डाइअफ्रैम पैरालाइज्ड हो गया था. उनका कहना है कि अब कुमार को लाइफ टाइम वेंटिलेशन की जरूरत पड़ सकती है.


डॉक्टर दे रहे हैं चेतावनी-
डॉक्‍टर ने उन लोगों को चेताया है जो सैलून में जाकर गर्दन की मसाज करवाते हैं. आमतौर पर देखा गया है कि सैलून में बाल काटने के बाद नाई गर्दन की मसाज के साथ ही गर्दन को चटकाते हैं. ऐसा करने से लंबे समय तक गर्दन के ज्वॉइंट्स और आसपास के टिश्यू, मसलस और नर्व्स डैमेज हो जाती हैं. यहां तक कि कई बार डायाफ्रामिक पैरालिसिस भी हो सकता है.


शुरूआत में कई टेस्ट हुए कुमार के-
सांस फूलने को अक्सर हार्ट या लंग्स में होने वाली समस्याओं से जोड़कर देखा जाता है. जब कुमार पिछले महीने अपनी समस्या़ लेकर मेदांता हॉस्पि‍टल गया तो डॉक्टर्स ने उसे जांच के कई तरह के टेस्ट लिखे ताकि समस्या को ठीक से पहचाना जा सके.


जब कुमार का परीक्षण किया गया तो डॉक्टर्स ने पाया कि कुमार को पैराडॉक्सिअल ब्रीदिंग पैटर्न था. उसकी चेस्‍ट फैलने की बजाय अंदरूनी रूप से बढ़ रही थी. चेस्ट के इस असामान्य मोमेंट के कारण ही कुमार का ब्रीदिंग पैटर्न इफेक्ट हो रहा था और उसका ब्लड ऑक्सीजन लेवल घट रहा था.


कैसे पता चला मसाज के कारण हुई ये समस्या-
डॉक्टर्स ने जब पैराडॉक्सिअल ब्रीदिंग होने का कारण जानने के लिए न्यू‍रोलोजिकल परीक्षण किया तो पाया कि उसकी फेरनिक नर्व्स डैमेज थी. दरअसल, कुमार को और कोई बीमारी या अन्य कोई समस्या नहीं थी. जब कुमार से पूछा गया तो उसने गर्दन की मसाज के बारे में बताया.


क्यों मसाज करवाते हैं लोग-
नियो हॉस्पिटल के स्ट्रोक एंड नर्वोवस्कुलर क्लीनिक के डायरेक्टर डॉ. शाकिर हुसैन का कहना था कि दरअसल, लोग बाल कटवाने के बाद नाई से इसलिए गर्दन की मसाज लेते हैं क्योंकि इससे उन्हें बेहतर और आरामदायक महसूस होता है. डॉक्टर बताते हैं कि गर्दन की मसाज से वर्टिब्रल आर्टरी डैमेज होने का भी खतरा रहता है.


हो सकता है मौत का जोखिम-
डॉ. बताते हैं कि अगर टिश्यू हल्के से टियर हैं तो वे जल्द ही खुद ही हील कर जाते हैं. लेकिन कुछ मामलों में सर्जरी तक करनी पड़ सकती है.


गर्दन को शार्प तरीके से लेफ्ट या राइट झुकाने से आर्टरी डैमेज होने के कारण मरीजों को ब्रेन सेल्स की समस्याओं के लिए कैरोप्रैक्टिक थेरेपी तक लेनी पड़ सकती है. कई बार समस्या बढ़ने पर स्ट्रोक या मौत हो जोखिम भी हो सकता है.


नोट: ये एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.