NEET 2024 परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) के जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क (JDN) ने सीबीआई से जांच की मांग की है. उनका कहना है कि परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए. उन्होंने दोबारा परीक्षा कराने की भी अपील की है ताकि सभी छात्रों को समान अवसर मिल सके. डॉक्टर्स का कहना है कि परीक्षा के परिणाम अचानक और जल्दी घोषित किए गए, और कट-ऑफ में भी भारी बढ़ोतरी हुई है. इन मुद्दों की सही जांच जरूरी है ताकि छात्रों के साथ न्याय हो सके.


 कुछ मुख्य मुद्दों पर उठाया सवाल 


रिजल्ट समय से पहले घोषित करना 
NEET 2024 के परिणाम समय से पहले घोषित किए गए, जब मीडिया चुनाव परिणामों में व्यस्त था. यह देखकर बहुत से लोगों को आश्चर्य हुआ कि परीक्षा के नतीजे इतनी जल्दी और अचानक क्यों जारी किए गए. आमतौर पर परीक्षा परिणाम घोषित करने में समय लगता है, ताकि सभी उत्तर पुस्तिकाओं की ठीक से जांच हो सके. लेकिन इस बार नतीजे अचानक और जल्दबाजी में घोषित कर दिए गए. इससे छात्रों और उनके परिवारों में चिंता और संदेह पैदा हुआ है कि कहीं परीक्षा में कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई. इसलिए, इस जल्दबाजी का कारण जानना बहुत जरूरी है. 


कट-ऑफ में बढ़ोतरी 
इस साल NEET 2024 की कट-ऑफ में अचानक बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. जिन छात्रों ने समान अंक पाए हैं, उनकी अखिल भारतीय रैंक (AIR) पिछले साल से तीन से चार गुना ज्यादा बढ़ गई है. यह बदलाव इतना बड़ा है कि छात्रों और उनके परिवारों को चिंता हो रही है. पिछले साल के मुकाबले इस बार के नतीजे बहुत अलग और अजीब लग रहे हैं. इससे छात्रों को शक हो रहा है कि परीक्षा में कुछ गड़बड़ी हुई है. इसलिए, इस कट-ऑफ में हुई बढ़ोतरी का कारण जानना और इसकी जांच करना बहुत जरूरी है. 


हम चाहते है कि जांच हो 
IMA जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क के अध्यक्ष डॉ. के. एम. अबुल हसन ने कहा, "हम चाहते हैं कि NEET 2024 में हुई गड़बड़ियों की जांच सीबीआई से हो. सभी छात्रों के लिए परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए. इससे ही भारत की शिक्षा प्रणाली की साख बनी रहती है." IMA JDN को उम्मीद है कि उनकी अपील को गंभीरता से लिया जाएगा और सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे ताकि परीक्षा की प्रक्रिया ईमानदार और साफ-सुथरी हो सके. 








 





 























 








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