दिमाग से जुड़ी इस गंभीर बीमारी को झेल चुकी हैं नीतू कपूर, जानें क्या होते हैं इसके शुरुआती लक्षण
नीतू कपूर ने अपने पति ऋषि कपूर के निधन के बाद डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारी के बारे में खुलकर बात की थी. इस आर्टिकल में विस्तार से बताएंगे कि कैसे उन्होंने इस बीमारी पर कैसे कंट्रोल किया.
ऋषि कपूर का साल 2020 में ल्यूकेमिया से जूझने के बाद निधन हो गया. हाल ही में एक इंटरव्यू में नीतू कपूर ने अपने पति और दिग्गज अभिनेता की मृत्यु के बाद डिप्रेशन से जूझने के बारे में खुलकर बात की. नीतू बताती हैं कि डिप्रेशन से निपटने में मुश्किल समय का सामना करना पड़ा. लेकिन अब उन्होंने इससे निपटना सीख लिया है. उन्होंने आगे बताया कि काम पर वापस लौटना उनके लिए राहत देने वाला रहा है.
उदास होना आपको असहाय बना सकता है और आप अकेले नहीं हैं . थेरेपी और अपने प्रियजनों से समर्थन प्राप्त करना आपको अवसाद से उबरने में मदद कर सकता है, इससे लड़ने के कुछ सरल तरीके भी हैं.नीतू कपूर ने अपने पति ऋषि कपूर के निधन के बाद डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारी के बारे में खुलकर बात की थी. इस आर्टिकल में विस्तार से बताएंगे कि कैसे उन्होंने इस बीमारी पर कैसे कंट्रोल किया.
डिप्रेशन क्या है
डिप्रेशन सिर्फ कुछ दिनों की उदासी नहीं है, बल्कि यह महीनों या सालों तक चल सकता है और व्यक्ति के जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है. वहीं, सामान्य उदासी एक अस्थायी भावना है, जो किसी नकारात्मक घटना के बाद होती है और धीरे-धीरे खत्म हो जाती है.
उदासी के लक्षण
उदासी एक सामान्य भावनात्मक प्रतिक्रिया है जो किसी नकारात्मक घटना या अनुभव के बाद होती है. यह भावना थोड़े समय के लिए रहती है और धीरे-धीरे खत्म हो जाती है. उदासी के कारण हो सकते हैं:
किसी प्रियजन का खो जाना
किसी महत्वपूर्ण काम में असफलता
किसी के साथ झगड़ा
डिप्रेशन के लक्षण
डिप्रेशन एक मेंटल हेल्थ समस्या है जो लंबे समय तक रहती है और व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर डालती है. यह सिर्फ एक भावना नहीं है, बल्कि यह एक बीमारी है जिसे इलाज की जरूरत होती है. डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं.
लगातार उदासी महसूस होना
किसी भी काम में रुचि न होना
थकान और ऊर्जा की कमी
नींद की समस्या
आत्म-सम्मान में कमी
भूख में बदलाव
आत्महत्या के विचार
डिप्रेशन और उदासी में अंतर
अवधि: उदासी कुछ दिनों या हफ्तों तक रह सकती है, जबकि डिप्रेशन कई महीनों या सालों तक भी रह सकता है.
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गंभीरता: उदासी में व्यक्ति धीरे-धीरे सामान्य जीवन में लौट आता है, जबकि डिप्रेशन में यह कठिन होता है.
प्रभाव: डिप्रेशन व्यक्ति के काम करने की क्षमता, रिश्तों और जीवन की गुणवत्ता पर गहरा असर डालता है, जबकि उदासी का असर इतना गंभीर नहीं होता.
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कैसे पहचानें कि आप डिप्रेस हैं या उदास?
अगर आप लगातार दो हफ्तों से ज्यादा समय तक उदासी, थकान, नींद की कमी, और किसी भी काम में रुचि न होने जैसे लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो यह डिप्रेशन हो सकता है. ऐसे में आपको डॉक्टर या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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