आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कई लोग मानसिक तनाव और निगेटिव थॉट्स से जूझते हैं. अगर आपके दिमाग में भी हमेशा निगेटिव थॉट्स चलते रहते हैं, तो यह आपकी मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा नहीं है. लेकिन चिंता मत कीजिए, इससे बाहर निकलने के कुछ आसान और असरदार तरीके हैं. 


निगेटिव थॉट्स क्यों आते हैं? 
निगेटिव थॉट्स कई कारणों से आ सकते हैं. काम का दबाव, निजी समस्याएं, सामाजिक परिस्थितियां और पुरानी यादें इनमें शामिल हैं. जब हम काम का प्रेशर झेलते हैं, तो दिमाग तनावग्रस्त हो जाता है और निगेटिव थॉट्स आने लगते हैं. इसी तरह, परिवार या दोस्तों से जुड़ी समस्याएं भी हमारे मन को भारी कर देती हैं. 


सामाजिक परिस्थितियां जैसे किसी के साथ गलतफहमी या झगड़ा भी निगेटिव थॉट्स ला सकता है. इसके अलावा, पुरानी यादें भी कभी-कभी दिमाग में आकर हमें परेशान करती हैं. जब हम इन बातों के बारे में बार-बार सोचते हैं, तो हमारा दिमाग निगेटिव थॉट्स में डूब जाता है. इस निगेटिव सोच से हमारी मेंटल हेल्थ खराब होती है और हम खुद को उदास महसूस करते हैं. 


निगेटिव थॉट्स से कैसे निकलें?



  • पॉजिटिव सोचें : निगेटिव थॉट्स से लड़ने के लिए सबसे पहले अपनी सोच को बदलें. जब भी निगेटिव थॉट्स आएं, तो उन्हें पॉजिटिव विचारों से बदलने की कोशिश करें.

  • मेडिटेशन करें : मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग तकनीकें तनाव कम करने और दिमाग को शांत करने में मदद करती हैं. रोजाना 10-15 मिनट मेडिटेशन करें.

  • फिजिकल एक्टिविटी : व्यायाम या योग करें. यह आपके शरीर और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद है. वॉक पर जाएं, दौड़ लगाएं, या कोई खेल खेलें.

  • अच्छी नींद लें : पर्याप्त और अच्छी नींद लेने से निगेटिव थॉट्स में सुधार होता है. सोने से पहले मोबाइल और टीवी बंद कर दें ताकि नींद अच्छी आए.

  • अपने शौक पूरे करें : वो काम करें जो आपको खुश करते हैं, जैसे कि किताबें पढ़ना, पेंटिंग करना, या संगीत सुनना. इससे आपका मन प्रसन्न रहेगा और निगेटिव थॉट्स कम होंगे.

  • सकारात्मक लोगों के साथ समय बिताएं : उन लोगों के साथ समय बिताएं जो आपको खुश और प्रेरित करते हैं. ऐसे लोग आपके मनोबल को बढ़ाते हैं और निगेटिव थॉट्स से दूर रखते हैं.

  • समय-समय पर ब्रेक लें : काम के बीच-बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लें और दिमाग को आराम दें. इससे आप तनावमुक्त रहेंगे और काम बेहतर कर पाएंगे.