Nephrotic Syndrome Symptoms: नेफ्रोटिक सिंड्रोम एक ऐसी समस्या जो ज्यादातर बच्चों में देखने को मिलती है. किडनी शरीर के अंदर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालकर डिटॉक्स करती है. लेकिन जब किडनी की छन्नी के छेद बड़े हो जाते हैं तो यह यूरिन के साथ प्रोटीन भी बाहर निकालने लगती है. नेफ्रोटिक सिंड्रोम आपके संक्रमण और रक्त के थक्कों के खतरे को बढ़ा सकता है. ज्यादातर लोग यूरिन में झाग आने की समस्या हो या फिर डार्क यूरिन आने की परेशानी को इग्नोर कर देते हैं. लेकिन इस यह समस्या लगातार हो रही हैं तो समय रहते डॉक्टर से चेक कराना जरूरी है. क्योंकि यह समस्या किडनी के सही ढंग से काम न कर पाने की वजह से होती है.
झाग आना या डार्क यूरिन की समस्या को ना समझें कोई छोटी परेशानी
इस तरह की समस्या वैसे तो किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन ज्यादातर यह परेशानी बच्चों में होती हैं. हमारे शरीर के अंदर से किडनी विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है, लेकिन कई बार किडनी में मौजूद छन्नी के छेद बड़े होने पर यह यूरिन के साथ प्रोटीन को भी बाहर निकालने लगती है, जिस वजह से प्रोटीन की कमी के कारण नेफ्रोटिक सिंड्रोम बढ़ने लगता है. नेफ्रोटिक सिंड्रोम के लक्षणों में आपकी आंखों के आसपास और आपके टखनों और पैरों में सूजन दिख सकती है. झागदार यूरिन, आपके यूरिन में अतिरिक्त प्रोटीन का परिणाम है. अचानक वजन बढ़ना, थकान, भूख में कमी हो सकती है.
किडनी से जुड़ी इस बीमारी को ना करें नजरअंदाज
अगर इस तरह के लक्षण आपको दिख रहे हैं तो अपने डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट लें. यह बच्चों में नेफ्रोटिक सिंड्रोम का सबसे आम कारण है. मिनिमल चेंज डिजीज के कारण असामान्य किडनी फंक्शन होता है, लेकिन जब किडनी के टिश्यू की माइक्रोस्कोप से जांच की जाती है, तो यह सामान्य दिखाई देता है. अमाइलॉइडोसिस की समस्या तब होती है जब अमाइलॉइड प्रोटीन आपके अंगों में जमा हो जाते हैं. एमिलॉयड बिल्डअप अक्सर गुर्दे की फ़िल्टरिंग प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है. कुछ बीमारियां और स्थितियां नेफ्रोटिक सिंड्रोम, जैसे मधुमेह, ल्यूपस, एमाइलॉयडोसिस, रिफ्लक्स नेफ्रोपैथी और अन्य किडनी रोगों के विकास के आपके खतरे को बढ़ाती हैं. दवाएं भी जो नेफ्रोटिक सिंड्रोम का कारण बन सकती हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.