शरीर को पोछने के लिए हम सभी तौलिए का इस्तेमाल करते हैं. कुछ लोग अपने तौलिएं को सेपरेट रखना पंसद करते हैं और उसे किसी के साथ शेयर नहीं करते. जबकि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनका तौलिया कौन इस्तेमाल कर रहा और कैसे इस्तेमाल कर रहा है. बहुत से लोगों को यह बात नहीं मालूम है कि किसी और का तौलिया इस्तेमाल करने से कितनी ही तरह की बीमारियां लग सकती हैं. अगर आप भी किसी और के तौलिएं को बेझिझक यूज़ करते हैं तो सावधान हो जाएं. क्योंकि ऐसा करने आप खुद बीमारियों को बुलावा भेज रहे हैं.
दरअसल हर कोई अपने तौलिए को अपने तरीके से इस्तेमाल करता है. कई लोगों को रोजाना तौलिया धोने की आदत होती है तो कुछ लोग हफ्तों-हफ्तों तक एक ही तौलिया यूज करते रहते हैं और उसे धोते तक नहीं. जो लोग अपने टॉवल को लंबे समय तक नहीं धोते और उसका इस्तेमाल करते रहते हैं, उन लोगों के तौलिए पर कई तरह के बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और अगर आप इस तौलिए का इस्तेमाल कर लेते हैं तो ये बैक्टीरियां आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और कई बीमारियों के पैदा होने का कारण बन सकते हैं.
जीवाणुओं का जाल होता है तौलिया!
एक गंदे तौलिया में बड़ी संख्या में बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जो इन्फेक्शन सहित कई तरह के रोगों को फैलाने का कारण बनते हैं. आप तौलिए को 100 प्रतिशत बैक्टीरिया-फ्री तो नहीं रख सकते, हालांकि इसे समय-समय पर धोकर आप बीमारियों से बचे जरूर रह सकते हैं. गंदे तौलिया में अलग-अलग तरह के जीवाणुओं का जाल होता है. आप जितनी बार इसका इस्तेमाल करते हैं, उतनी ही बार बैक्टीरिया स्किन से निकलकर तौलिए पर जमा होने लगते हैं.
तौलिए से शरीर में कैसे प्रवेश करते हैं बैक्टीरिया?
दरअसल गंदे तौलिए में मौजूद बैक्टीरिया घाव, छिद्रों, किसी तरह के कट के निशान आदि के जरिए शरीर में एंट्री लेते हैं और फिर व्यक्ति को बीमार करना शुरू करते हैं. इसकी वजह से सबसे ज्यादा खतरा स्टैफ इन्फेक्शन का होता है. पिंपल्स भी कई बार गंदे तौलिए या किसी और के तौलिए का इस्तेमाल करने के कारण हो जाते हैं. फंगी से जुड़ी बीमारियां भी किसी के गंदे और गीले तैलिए का इस्तेमाल करने की वजह से हो सकती हैं. इसके अलावा, खुजली, दाद, एथलीट फूट और यीस्ट इन्फेक्शन की दिक्कत भी इसकी वजह से पैदा हो सकती है. यही वजह है कि हर किसी को अपने तौलिए का इस्तेमाल करना चाहिए और उसे वक्त-वक्त पर बैक्टीरिया मारने वाले डिटर्जेंट या साबुन से धो लेना चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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