कैंसर को लेकर हाल ही में एक स्टडी सामने आई है. जिसमें खुलासा किया गया है कि इन 30 सालों में पूरी दुनिया में 50 से कम उम्र वाले लोगों में 79 प्रतिशत कैंसर के केसेस बढ़े हैं. इस स्टडी में यह साफ कहा गया है कि सबसे जरूरी है शुरुआती संकेत को पहचनना. स्क्रीनिंग के लिए टाइम पर जरूर जाएं और अपनी लाइफस्टाइल में जरूर से जरूर बदलाव करें. इस स्टडी में भारत सहित 200 देशों के ऊपर एक रिसर्च किया गया है. उसके आधार पर इस रिपोर्ट को तैयार की गई है. भारत में पहले से ही ब्रेस्ट कैंसर, ग्रासनली और प्रोस्टेटट कैंसर के केंसेस काफी अधिक हैं.
कारण क्या हैं?
'ब्रिटिश मेडिकल जर्नल' (ऑन्कोलॉजी) में पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक खराब लाइफस्टाइल, प्रदूषण और एक्टिव न रहना ये सब कैंसर को ट्रिगर कर सकती है. 'फोर्टिस कैंसर इंस्टीट्यूट', वसंत कुंज के मेडिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. अमित भार्गव कहते हैं. खराब लाइफस्टाइल के कारण कैंसर ट्रिगर होता है और यह सबसे बड़ा कारण हो सकता है. धूम्रपान, वेपिंग, शराब पीने, जंक और ज्यादा कैमिकल वाले खाना खाने से इसके शुरुआती जोखिम बढ़ सकते हैं. फोन का ज्यादा इस्तेमाल और कम एक्टिव रहने के कारण भी किसी व्यक्ति में कैंसर का खतरा बढ़ता है. इसलिए किसी भी व्यक्ति को अपनी लाइफस्टाइल का खास ध्यान रखना चाहिए. रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि किस तरह से बाहर का खाना और जंक हमारे आंत में कई तरह तकलीफ और कैंसर पैदा कर रही है.
कैंसर के केसेस बढ़ने में प्रदूषण एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है. हवा से हमें सल्फर, कैडिमियम और फ्रैक्ट्री के प्रदूषण मिलते हैं. जो कार्सिनोजेन( कैंसर पैदा करने वाले कैमिकल हैं) केवल फेफड़ों के कैंसर ही नहीं कई तरह की बीमारी का कारण बन सकता है. साथ ही इस रिसर्च में यह भी खुलासा हुआ है कि किस तरह से हमारा खराब खानपान और लाइफस्टाइल पेट में गैस और आंत के कैंसर को बढ़ा रहा है.
एम्स, दिल्ली के प्रोफेसर और कैंसर सर्जन डॉ. एमडी रे का कहना है कि खराब लाइफस्टाइल हमपर महंगी पड़ रही है. इस स्टडी में ये भी खुलासा किया गया है कि 30 प्रतिशत युवा इस बीमारी से प्रभावित हो रहे हैं. 45 से कम उम्र के लोग इस बीमारी के गिरफ्त में आ रहे हैं. यह स्टडी ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती संकेत की ओर इशारा कर रही है. कैंसर के पीछे सबसे बड़ा कारण है एस्ट्रोजन हार्मोन्स की जो टिश्यूज और डीएनए को बदल कर रख देती है. वह कैंसर के मामले में फैमिली हिस्ट्री 5-10 प्रतिशत तक रोल निभाता है. आजकल 20-22 साल की उम्र की लड़कियां ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हो रही हैं. इस मामले में 15-20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
इस स्टडी में यह भी खुलासा किया गया है कि कैमिकल वाले खाने कैंसर का कारण बनते हैं. एक बार जब वह शरीर में घुसते हैं तो शरीर के ऑर्गन, ब्लड सर्कुलेशन, म्यूकोसा और नरम सेलुलर को जलन होने लगती है. जिसके कारण उनका फंक्शन बदल जाता है. हमारे जीन में चेंजेज होते हैं. जिसके कारण कैंसर हो सकती है. प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसर में बीआरसीए से जुड़े हुए हैं. जो हमारे शरीर में कई तरह के टॉक्सिक निकालते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.