कोरोना हमारी जिंदगी में एक ‘अभिशाप’ की तरह हो गया है. बॉलीवुड की भूतिया फिल्मों में अक्सर हम अभिशाप जैसे शब्द सुनते हैं. अभिशाप यानि ऐसी चीजों में फंस जाना जिससे चाहकर भी आप निकल नहीं सकते. ठीक वैसे ही इस दुनिया को कोरोना नाम के वायरस का अभिशाप लगा हुआ है. हम कितनी भी कोशिश कर लें कि यह जल्दी से यह हमारी जिंदगी से चला जाए लेकिन यह बार-बार अपने रूप बदलकर आता है.इससे मुक्ति मिलना इतना आसान नहीं है.
अब एक बार फिर से कोरोना का एक नया वेरिएंट FLiRT ने लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है. कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद ऐसा लग रहा था कि अब हमें कोरोना से डरने की जरूरत नहीं. लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यह नया वेरिएंट FLiRT पर कोरोना वैक्सीन का भी असर नहीं हो रहा है. अमेरिका में FLiRT के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. सीडीसी ने पूरे अमेरिका में FLiRT COVID-19 वेरिएंट में बढ़ोतरी की रिपोर्ट दी है, जिसमें KP.2 स्ट्रेन के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है.
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन(CDC) के मुताबिक पूरे अमेरिका में COVID-19 के कई वेरिएंट के साथ मिलकर एक नया वेरिएंट के रूप में फैल रहे हैं. इस पूरे ग्रुप को अमेरिका के साइंटिस्ट ने FLiRT का नाम दिया है. इनमें से KP.2 वेरिएंट पर सबसे ज्यादा फेमस है.
FLiRT कोरोना के कई वेरिएंट से मिलकर बना है
- ओमीक्रॉन के JN.1
- KP.2 और KP 1.1
FLiRT वेरिएंट, ओमीक्रॉन के JN.1 की फैमिली से संबंधित है. यह अमेरिका में काफी तेजी से फैल रहा है. पिछले ओमीक्रॉन वेरिएंट की तुलना में यह अधिक संक्रामक जा रहा है. इसमें KP.2 और KP 1.1 भी है जो चिंता का कारण बने हुए हैं. विशेषज्ञ की मानें तो यह गर्मियों में तेजी से फैल रहा है. इस पर रिसर्च करने वाले साइंटिस्टों का कहना है कि वक्त रहते इसे रोकने की जरूरत है क्योंकि यह नई लहर का रूप ले सकता है. FLiRT के लक्षण अन्य वेरिएंट के समान ही हैं.स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि भले ही अस्पताल में भर्ती होने के मामले कम आ रहे हैं. लेकिन दुनिया और देश भर में तापमान बढ़ने के साथ संक्रमण की संख्या बढ़ने की आशंका है.
कोरोना के इस नए वेरिएंट FLiRT को टेक्निकल नाम दिया गया है. जैसा कि आप इसके नाम के हिसाब से देख सकते हैं. जिसमें F और L कैपिटल लेटर में हैं. i स्मॉल लेटर में वहीं में R और T कैपिटल लेटर में है. वैज्ञानिकों का कहना है कि वेरिएंट के इस समूह के भीतर, सबसे अधिक चिंता KP.2 को लेकर है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार पूरे अमेरिका में पिछले दो हफ्तों में केपी.2 के कारण लगभग 25 प्रतिशत संक्रमित लोगों के मामले सामने आए हैं. हालांकि, इसे तेजी से फैलना नहीं कह सकते हैं.
कितना खतरनाक है कोविड FLiRT वेरिएंट?
विशेषज्ञों के मुताबिक यह समझने के लिए क्या FLiRT सच में कोरोना के दूसरे वेरिएंट से काफी ज्यादा खतरनाक है. इस पर रिसर्च जारी है. इस लेकर चिंता इसलिए बनी हुई है क्योंकि इसमें पाई जाने वाली स्पाइक प्रोटीन में तेजी से बदलाव हो रहे हैं. यानि यह इंसान के शरीर में घुसकर अपने हिसाब से बदलाव कर सकता है. जिसके कारण इस बीमारी का पता शुरुआत में नहीं चलता है.जो आगे चलकर SARS-CoV-2 जैसी गंभीर बीमारी में बदल जाता है. SARS-CoV-2 कोरोना वायरस का खतरनाक वेरिएंट जो सीधा इंसान के सांस लेने वाली नली में गंभीर इंफेक्शन का कारण बनता है. आखिर में लंग्स में इतना ज्यादा कफ हो जाता है कि मरीज सांस भी ठीक से नहीं ले पाता है. इस बीमारी की पहचान शुरुआत में नहीं होती लेकिन जब पता चलता है तो व्यक्ति तब तक गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है. यह इसलिए भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि जब तक वह शरीर के अंदर पहुंचकर एकदम लोगों को बीमार न कर दे इसका पता लगाना काफी ज्यादा मुश्किल होता है.
CDC के रिपोर्ट के आधार पर FLiRT के लक्षण
- बुखार के साथ ठंड लगना या सिर्फ बुखार
- लगातार खांसी
- गला खराब होना
- नाक बंद होना या नाक बहना
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- सांस लेने में दिक्क्त
- थकान
- स्वाद या किसी भी चीज का गंध नहीं आना
- ठीक से सुनाई न देना
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं (जैसे पेट खराब होना, हल्का दस्त, उल्टी)
- सीडीसी ने मार्च 2024 में COVID को लेकर जारी किए खास निर्देश(Graphics)
- जिन लोगों को सांस संबंधी बीमारी है उन्हें करवाने है ये टेस्ट
- इन्फ्लूएंजा
- RSV
- कोविड -19 सहित दूसरी सांस की बीमारी
क्या भारत को इस नए वेरिएंट से डरना चाहिए?
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के नए वेरिएंट से डरने की जरूरत नहीं है. जब भी मौसम में बदलाव होते हैं. कोरोना के केसेस बढ़ते हैं. लेकिन आपको इसे गंभीरता से लेनी चाहिए. भले ही कोरोना का वायरस अपनी रूप बदलकर आता है लेकिन कब यह लहर के रूप में बदल जाए यह कहना मुश्किल है. इसलिए खुद से भी कुछ बातों का खास ख्याल रखें.
- टीका लगवाएं
- जब आपकी तबीयत ठीक न हो तो घर पर ही रहें
- मास्क जरूर पहनें
- सोशल डिस्टेंस का पालन करें