महाराष्ट्र में मिला COVID वेरिएंट 'एरिस' का पहला केस, लक्षणों को देखते हुए सबसे पहले करें ये काम
ब्रिटेन के बाद भारत के मुंबई शहर में कोरोना के नए वेरिएंट का एक केस मिला है. यह खबर सुनते ही भारतीय लोगों की चिंता बढ़ गई है.
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कोराना का नाम सुनते ही रोंगटे खड़े करने वाले मंजर आंखों के सामने आने लगते हैं. भले ही कोरोना का कहर पूरी दुनिया में अब थम चुका है लेकिन आए दिन दुनिया के अलग-अलग देशों में इसके नए वेरिएंट के चर्चे अब आम हो गए हैं. कुछ दिन पहले पता चला था कि ब्रिटेन में कोरोनावायरस के न्यू वेरिएंट एरिस का पता चला है जो तेजी से फैल रहा है. वहीं अब यह खबर आ रही है कि ब्रिटेन के बाद भारत के मुंबई शहर में कोरोना के नए वेरिएंट का एक केस मिला है. यह खबर सुनते ही भारतीय लोगों की चिंता बढ़ गई है. इसे पूरे मामले पर बीजे मेडिकल कॉलेज के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजेश कार्यकार्ते ने टीओआई को बताया कि मई में महाराष्ट्र में नए सबवेरिएंट का पता चला था, जिसके बाद जून और जुलाई के महीनों में इसे लेकर कोई खबर नहीं आई थी.
राज्य स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कोविट के एक्टिव केस की संख्या जुलाई के अंत में 70 से बढ़कर 6 अगस्त को 115 हो गई, जिससे सोमवार को महाराष्ट्र में मामलों की संख्या 109 हो गई. कथित तौर पर, मुंबई में सबसे अधिक 43 एक्टिव कोविड केस के मामले सामने आए हैं, इसके बाद पुणे में 34 और ठाणे में 25 मामले हैं. आंकड़ों के अनुसार, रायगढ़, सांगली, सोलापुर, सतारा और पालघर में बदलते मौसम के कारण हर दिन केस बढ़ रहे हैं.
यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) के मुताबिक कोरोनावायरस के 7 ऐसे मामले आए हैं जो एरीस वेरिएंट से जुड़े हुए हैं. लेटेस्ट डेटा के मुताबिक कोविड के कुल मामलों में से 14 प्रतिशत मामले को सिर्फ एरीस वेरिएंट से जुड़े हुए हैं. UKHSA का कहना है कि पिछले सप्ताह से इसकी तुलना करें तो कोविड-19 के केसेस हर हफ्ते तेजी से फैल रहे हैं.
पहले कोविड वेरिएंट एरिस की निगरानी कब की गई थी?
यूकेएचएसए के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष रूप से एशिया में बढ़ती रिपोर्टों के कारण एरिस को शुरुआत में इस साल 3 जुलाई को निगरानी में एक संकेत के रूप में उठाया गया था. 10 जुलाई को, यूके के 11.8 प्रतिशत अनुक्रमों को एरिस के रूप में वर्गीकृत किया गया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एरिस को निगरानी के तहत वेरिएंट की सूची में जोड़ा है.
कोविड वैरिएंट एरिस के लक्षण क्या हैं?
कोविड वैरिएंट एरिस के लक्षण:
1. गले में खराश
2. नाक बहना
3. बंद नाक
4. छींक आना
5. सूखी खांसी
6. सिरदर्द
7. गीली खांसी
8. कर्कश आवाज
9. मांसपेशियों में दर्द
10. गंध-सुगंध और टेस्ट न आना
अध्ययन से यह भी पता चला कि मुख्य लक्षण ओमीक्रॉन जैसे ही हैं. हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक सांस लेने में तकलीफ, गंध की कमी और बुखार अब मुख्य लक्षण नहीं हैं. मामलों में वृद्धि के मूल कारण की अभी तक पुष्टि नहीं की गई है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने खुलासा किया कि खराब मौसम की स्थिति और घटती रोग प्रतिरोधक क्षमता की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है. इससे अधिक लोगों में वायरस से संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है.
कोविड वैरिएंट एरिस से बचाव:
इस नए कोविड वेरिएंट से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका उचित स्वच्छता और लक्षण विकसित होने की स्थिति में सामाजिक दूरी बनाए रखना है. ऐसा माना जाता है कि यह स्ट्रेन कोविड जैसे सामान्य फ्लू जैसे लक्षण पेश करके खुद को प्रदर्शित कर सकता है.
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