न्यूयॉर्क: शोधकर्ताओं ने एक ऐसी दवा की खोज की है, जो मांसपेशियों में निष्क्रियता रोकने में असरदार साबित हो सकती है. एसआर8278 नामक दवा से फ्राइब्रोसिस (दाग-धब्बों) और डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) के तहत आने वाली मांसपेशियों की निष्क्रियता को रोका जा सकता है.


क्या कहते हैं शोधकर्ता-
अमेरिका की सैंट लुईस यूनिवर्सिटी (एसएलयू) के शोधकर्ताओं ने बताया कि यह डीएमडी से पीड़ित लोगों के लिए नई दवा के निर्माण के लिए एक कारगर तरीका प्रदान कर सकती है.


क्यों की गई ये रिसर्च-
यूनिवर्सिटी के थॉमस बरीस और कॉलिन फ्लैवनी का उद्देश्य इन रिसेप्टर्स को लक्षित करने वाले सिंथेटिक यौगिकों को विकसित करना था, ताकि शरीर के प्राकृतिक हार्मोन कैसे काम करते हैं, उसके अनुसार रोगों के उपचार के लिए दवाएं तैयार की जा सकें.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
फ्लैवनी ने कहा कि शोध के दौरान हमने पाया है कि आरईवी-ईआरबी मांसपेशियों के टिश्यू के विकास के प्रत्येक चरण में अद्वितीय भूमिका निभाते हैं.


रिसर्च के नतीजे-
आरईवी-ईआरबी शरीर में नींद से लेकर कोलेस्ट्रॉल तक प्रमुख प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है और हालिया निष्कर्षो से पता चला है कि यह मांसपेशियों के लिए भी सहायक है. आरईवी-ईआरबी मांसपेशियों के विभेद का नियंत्रक है और इस रिसेप्टर को रोकने वाली एसआर 8278 नामक दवा तीव्र चोट के बाद भी मांसपेशियों को दोबारा बनने के लिए उत्तेजित करती है.


डीएमडी मांसपेशियों को खराब करने वाले विकार का एक घातक रूप है, जो एक्स गुणसूत्र वालों में जीन उत्परिवर्तन के कारण होता है.


उपचार के बावजूद डीएमडी पीड़ित लोगों का जीवनकाल लगभग 25 वर्ष तक ही रहता है. इस रोग से पीड़ित लड़कों को आमतौर पर 12 वर्ष की उम्र में व्हीलचेयर और सांस लेने के लिए मैकेनिकल वेंटिलेशन की जरूरत पड़ने लगती है.


कई रोगियों को हृदय या श्वसन तंत्र की खराबी का सामना करना पड़ता है.


कैसे की गई रिसर्च-
चूहों पर किए गए शोध से पता चला किएसआर8278 दवा ने मांसपेशियों के क्रियान्वयन में वृद्धि की और मांसपेशी फाइब्रोसिस और मांसपेशियों में प्रोटीन गिरावट को भी कम किया.


यह शोध 'नेचर जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स' में प्रकाशित हुआ है.


नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.