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न्यू मॉम हैं तो नींद के साथ बिलकुल ना करें समझौता, वर्ना हो सकती हैं सेहत संबंधी ये दिक्कतें
नवजात बच्चे की देखभाल में तन और मन से जुटी नई मां काफी समय तक अपनी नींद को दांव पर लगा देती है. नींद के कमी के साथ समझौता करने वाली नई माएं अक्सर सेहत संबंधी परेशानियों से घिर जाती हैं.
Importance Of Sleep for New Mother: मां (mother )बनना एक सुखद एक्सपीरिएंस तो है ही, घर में आए नन्हें मेहमान (baby)के साथ घर परिवार भी गुलजार हो जाता है. देखा जाए तो नए बेबी के आने पर मां और पिता दोनों के ही काम औऱ जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं लेकिन मां को पिता की तुलना में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है क्योंकि शुरूआत में बच्चे की देखभाल, उसकी फीडिंग की सारी जिम्मेदारी मां पर ही होती है. ऐसे में अक्सर बच्चे की देखभाल में सारा समय बीतने पर नई मां को नींद संबंधी दिक्कतें हो जाती हैं. बच्चे की देखभाल में रात और दिन एक कर देने वाली मां डिलीवरी के बाद पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो पाती और ऐसे में नींद की कमी (less sleep for new mom)के चलते उसे कई सारी परेशानियां हो सकती है. इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट नई मां को नींद के साथ कोई समझौता करने की सलाह नहीं देते हैं.
6 साल तक बच्चे के माता पिता की नींद नहीं होती है पूरी
कुछ साल पहले स्लीप नामक जर्नल में छपे एक शोध में कहा गया है कि बच्चे के जन्म के छह सालों तक उसकी देखभाल में लगे उसके माता पिता की नींद सही से पूरी नहीं हो पाती है. खासकर नवजात को फीड करवाने वाली मां को देर तक जागना पड़ता है, इसलिए उसकी नींद की कमी उसके शरीर को कई तरह से इफेक्ट करती है.चलिए जानते हैं कि नई मां को नींद की कमी से क्या क्या दिक्कतें हो सकती हैं. खासतौर पर कुछ बच्चों की बायोलॉजिकल क्लॉक इस तरह की होती है कि वो रात में खेलते हैं और दिन में सोते हैं. ऐसे में बच्चे के साथ खेलने वाली, उसे फीड करवाने वाली मां की नींद भी बुरी तरह प्रभावित होती है.
नींद की कमी के चलते डिप्रेशन का है खतरा
नई मां को नींद की कमी के चलते हर वक्त थकान, कमजोरी, स्ट्रेस बना रहता है और ये सभी कंडीशन डिप्रेशन का कारण बन सकती हैं. इसकी वजह से उनका दिमाग सही तरीके से चीजों पर फोकस नहीं कर पाता. बच्चे की चिंता में वो हर वक्त तनाव में रहती हैं और इस वजह से उनको अवसाद का शिकार बनने का ज्यादा खतरा रहता है.
नई मां के लिए इतने घंटे की नींद है बहुत जरूरी
हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि नई मां को कम से कम सात घंटे जरूर सोना चाहिए. ये एक सामान्य व्यक्ति के लिए औसत और जरूरी नींद के घंटे हैं जिनके बिना उसका शरीर बीमार पड़ सकता है. स्लीप फाउंडेशन भी कहता है कि बच्चे की देखभाल में लगी एक मां को कम से कम सात घंटे की नींद लेनी ही चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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