नई दिल्लीः दुनियाभर में लोगों के लिए समस्या बन चुके मलेरिया से बचाव के लिए अब एक नई दवा की खोज की गई है. मलेरिया से बचाव के लिए स्वीडन की कंपनी नोवर्टिस ने मेडिसिन फॉर मलेरिया वेंचर के साथ मिलकर “केएएफ 156” नाम का एक नया ड्रग तैयार किया है. नोवर्टिस ने दावा किया है कि यह ड्रग आने वाले समय में मलेरिया का इलाज करने में मिसाल कायम करेगा.



मलेरिया पैरासाइट को खत्म करने में मौजूद दवाओं का प्रभाव कम हो रहा है, एशिया और अफ्रीका के कई जगहों में इसका बुरा प्रभाव देखा जा रहा है. इसलिए नई दवाओं की इस समय सख्त जरूरत है.

शुरूआती जांच में पता चला है कि “केएएफ 156” मलेरिया इंफेक्शन को खत्म करने के साथ-साथ मच्छरों द्वारा छोड़े जाने वाले मलेरिया पैरासाइट को भी रोकने में सक्षम है.

इस समय इंडोनेशिया के माली सेंटर में इसका ट्रायल चल रहा है. आने वाले समय में अफ्रीका और एशिया के नौ देशों में इसके कुल 16 सेंटर खोले जाएंगे.

मेडिसिन फॉर मलेरिया वेंचर के सीईओ डेविड रेड्डी ने कहा कि आज हमें ऐसी दवा की जरुरत है कि जो कि हर एक भौगोलिक स्थिति में और हर प्रकार के बैक्टीरिया से लड़ने में सक्षम हो.

विश्व स्वास्थ संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2015 में दुनिया भर में कुल 438,000 जानलेवा मामले सामने आए हैं जिसमें ज्यादातर अफ्रीका के हैं.

नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.