केंद्र सरकार ने कोविड -19 वैक्सिनेशन के लिए देशभर में 21 जून से नई संशोधित नीति लागू करने की घोषणा की थी. नई नीति लागू होने के बाद से अब तक के ये पांच दिन देश में वैक्सिनेशन अभियान के लिए सबसे बेहतर रहे हैं. इस दौरान रोजाना औसतन लगभग सत्तर लाख वैक्सीन की डोज दी गई हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस नई संशोधित नीति के पहले दिन यानी 21 जून (सोमवार ) को देशभर में वैक्सीन की 80 लाख से अधिक डोज दी गई.
इसी साल 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान के बाद से एक दिन में दी गई ये वैक्सीन की सबसे अधिक डोज हैं. इसके बाद 22 जून को लगभग 60 लाख, 23 जून को 70 लाख, 24 जून को 63 लाख और 25 जून यानी कल रात तक 70 लाख से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी गई हैं.
हालांकि शनिवार और रविवार को वीकेंड के दौरान वैक्सिनेशन के आंकड़ों में कमी देखी गई है लेकिन इन पांच दिनों के डाटा ने ही देश में वैक्सीन की डोज के साप्ताहिक औसत को प्रतिदिन 60 लाख से ज्यादा कर दिया है. जो कि अब तक का सबसे ज्यादा है.
इस से पहले 12 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में सबसे ज्यादा, प्रतिदिन 40 लाख 17 हजार वैक्सीन डोज का औसत दर्ज किया गया था. इस हफ्ते का औसत अभी से उस से 47 प्रतिशत अधिक है. हालांकि इस स्पीड से भी देश की पूरी वयस्क आबादी को टीके की डोज देने में लगभग 228 दिन और लग जाएंगे.
सभी राज्यों ने तोड़े वैक्सिनेशन के रिकॉर्ड
21 जून से 25 जून नई नीति लागू होने के बाद के अब तक के इन पांच दिनों में देश के लगभग सभी राज्यों ने अपने यहां वैक्सिनेशन के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है. आबादी के अनुपात के हिसाब से हिमाचल प्रदेश ने इन पांच दिनों में औसतन हर दस लाख में सबसे अधिक 35 हजार 159 लोगों को रोजाना वैक्सीन की डोज दी गई है. इस लिस्ट में उत्तराखंड दूसरे नंबर पर मौजूद है. यहां औसतन प्रति दस लाख में से 32,789 लोगों को रोजाना वैक्सीन लगाई गई है. दिल्ली इस लिस्ट में छठें नंबर पर मौजूद है. यहां इन पांच दिनों का औसत 29,832 डोज प्रतिदिन का है.
बड़ी जनसंख्या वाले राज्यों में जहां राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ साथ महाराष्ट्र ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार का औसत इन पांच दिनों में सबसे कम है. राजस्थान में औसतन हर दस लाख में 23,489, मध्य प्रदेश में 21,966 और महाराष्ट्र में वैक्सीन की 18,221 डोज रोजाना लगाई गई हैं.
यह भी पढ़ें