नयी दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कहा कि डेंगू और चिकुनगुनिया जैसी बीमारियां शहर में फैलना शुरू हो गई हैं और इन बीमारियों पर काबू पाने के लिए अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदम महज औपचारिकता है.


स्थिति से नाखुश एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने हर नगर निगम के तहत शहर के अलग-अलग स्थानों का निरीक्षण करने और समस्याओं के बारे में रिपोर्ट देने के लिए 10 स्थानीय आयुक्त नियुक्त किये.

पीठ ने कहा कि हम सभी नगर निगमों और दिल्ली छावनी बोर्ड के क्षेत्राधिकार के तहत क्षेत्रों के निरीक्षण के लिए स्थानीय आयुक्तों को नियुक्त कर रहे हैं. वे जलभराव और ठोस कूड़ा डालने वाले स्थानों को दिखाने के लिए विस्तृत रिपोर्ट सौपेंगे.


न्यायाधिकरण ने उनसे अनाधिकृत कालोनियों में ठोस कूड़े को डालने के लिए अपनाए जाने वाले तंत्र पर रिपोर्ट देने को कहा.
एनजीटी ने कहा कि हर स्थानीय आयुक्त संबंधित नगर निगम के एक अधिकारी को साथ लेकर जाएगा और उसने पुलिस को उन्हें सुरक्षा देने को कहा.


पीठ ने 15 हजार रूपये का मेहनताना भी तय किया जो नगर निगमों और दिल्ली छावनी बोर्ड द्वारा आयुक्तों को दिया जाएगा.


एनजीटी ने विभिन्न निकायों की इन दलीलों पर सहमति नहीं जताई कि डेंगू के मरीज ज्यादातर बाहरी हैं और स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त ऐहतियात बरती गई है.