Nipah Virus: केरल में निपाह संक्रमित की मौत क्या खतरे की घंटी? जानें क्या है ये वायरस, कितना खतरनाक
निपाह वायरस के इलाज के लिए अभी तक न कोई एंटीवायरल दवा और ना ही कोई वैक्सीन उपलब्ध है, इसलिए यह ज्यादा खतरनाक माना जाता है. सिर्फ इसके लक्षणों को कम करने की कोशिश की जाती है.
Nipah Virus : केरल में रविवार को निपाह वायरस संक्रमित एक शख्स की मौत हो गई है. उसकी उम्र सिर्फ 24 साल थी. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने इसकी जानकारी दी. पहली बार नहीं जब केरल (Kerala) में निपाह वायरस फैला है.इससे पहले 2018, 2021 और 2023 में इसका कहर देखने को मिला था. अब एक बार फिर इस वायरस के प्रकोप से चिंता बढ़ गई है.
निपाह वायरस के इलाज के लिए अभी तक न कोई एंटीवायरल दवा और ना ही कोई वैक्सीन उपलब्ध है, इसलिए यह ज्यादा खतरनाक माना जाता है. सिर्फ इसके लक्षणों को कम करने की कोशिश की जाती है. ऐसे में जानिए निपाह वायरस क्या है, यह कैसे फैलता है और इससे कैसे बच सकते हैं...
निपाह वायरस क्या है
WHO के अनुसार, निपाह जूनोटिक वायरस है, जो जानवरों और इंसानों दोनों में फैलता है. संक्रमित जानवरों या उनके शरीर से निकले लिक्विड के सीधे संपर्क में आने से इस वायरस के फैलने का खतरा ज्यादा रहता है. संक्रमित चमगादड़ों के यूरिन या लार से दूषित फल का सेवन करने से भी इंसानों में यह फैल सकता है. कई केस में सुअर, बकरी, घोड़े और कुत्तों से यह फैल सकता है. इस वायरस का संक्रमण होने पर लक्षण 4 से 14 दिनों में दिखने लगते हैं.
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निपाह वायरस के लक्षण
बुखार
सिरदर्द
खांसी-गला खराब
दस्त-उल्टी
मांसपेशियों में दर्द
बहुत ज्यादा कमजोरी
सांस लेने में कठिनाई
गंभीर मामलों में ब्रेन इन्फेक्शन
सिर में सूजन (एन्सेफलाइटिस)
भ्रम और भटकाव की स्थित
आवाज में लड़खड़ाहट
दौरे, कोमा
निपाह वायरस कितना खतरनाक
निपाह वायरस इंसानों के लिए जानलेवा हो सकता है. अमेरिकी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, निपाह वायरस से संक्रमित 40-75% तक मरीजों की मौत हो जाती है. भारत जैसे ज्यादा आबादी वाले और विकासशील देशों में यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है.
निपाह वायरस कैसे फैलता है
1. निपाह वायरस मुख्य रूप से जानवरों से इंसानों में फैलता है.
2. यहवायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है, इसीलिए संक्रमित का इलाज करते और देखभाल करने वालों को PPE किट पहनना जरूरी है.
3. यह वायरस संक्रामक होता है, जो सांस से निकली छोटी बूंदों से भी फैलता है. संक्रमित के खांसने या छींकने पर हवा से फैल सकता है.
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निपाह वायरस का इलाज
1. दिन में 7-8 गिलास से कम पानी न पिएं.
2. आराम करने में लापरवाही न करें.
3. मतली या उल्टी रोकने के लिए दवाएं लें.
4. सांस लेने में दिक्कत हो तो इन्हेलर या नेब्युलाइजर का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर लें.
5. दौरे पड़ रहे हैं तो एंटीकॉन्वल्जेंट्स डॉक्टर दे सकते हैं.
6. निपाह वायरस के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ट्रीटमेंट भी डॉक्टर दे सकते हैं.
निपाह वायरस से बचना है तो करें ये काम
हाथ को बार-बार साबुन से अच्छी तरह साफ करें.
संक्रमित चमगादड़ों और सुअरों के संपर्क में आने से बचें.
जिन पेड़ों पर चमगादड़ रहते हैं, वहां न जाएं.
जिन पेड़ों पर चमगादड़ रहते हैं, अगर वे ताड़ हैं तो रस पीने से बचें, पेड़ हैं तो फल-सब्जियां खाने से बचें.
जहां निपाह वायरस के केस, वहां न जाएं.
किसी संक्रमित के संपर्क में आने पर तुरंत अपना जांच करवाएं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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