नईदिल्ली: इंडिया में पॉल्यूशन खतरनाक रूप लेता जा रहा है. सिर्फ दिल्‍ली ही नहीं बल्कि देशभर की बड़ी सिटीज में से कोई भी सिटी ऐसी नहीं है जिसकी एयर क्वालिटी सही हो. ये हम नहीं कह रहे बल्कि ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट ऐसा दावा कर रही है.


पॉल्यूशन ले रहा है खतरनाक रूप-
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एयर क्वालिटी के नॉर्म्स पर इंडिया की कोई सिटी खरी नहीं उतरती. ग्रीनपीस इंडिया ने आरटीआई के तहत इंडिया की कई सिटीज के पॉल्यू‍शन कंट्रोल बोर्ड से इकट्ठी की गई जानकारियों के आधार पर एक ऑनलाइन रिपोर्ट तैयार की है जिसमें बताया गया है कि देशभर की सिटीज में एयर पॉल्यूशन खतरनाक रूप ले रहा है.

कुछ सिटीज में ऐसा नहीं है-
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि साउथ इंडिया की कुछ सिटीज को छोड़ दिया जाए तो देशभर की सिटीज में कहीं भी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) द्वारा तय किए गए एयर क्वालिटी के नॉर्म्स पर अमल नहीं किया जाता.

एयर पॉल्यूशन का फैलता जहर-
ग्रीनपीस इंडिया की इस रिपोर्ट को ‘Airpocalypse’ का नाम दिया गया है. इस रिपोर्ट में 24 स्टेट्स और 168 यूनियन टेरिटरीज की एयर क्‍वालिटी को शामिल किया गया. रिपोर्ट में ये भी पाया गया कि पॉल्‍यूशन का सबसे बड़ा कारण फोसिल फ्यूल है यानि कोयला, पेट्रोल और  डीजल का बढ़ता इस्तेमाल है जो कि एन्वायरमेंट को पॉल्यूट कर रहा है.
 
दिल्ली में है सबसे ज्यादा पॉल्यूशन-
रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्थ इंडिया की 20 सिटीज में पॉल्यूशन सबसे ज्यादा है. दिल्ली सबसे ज्या‍दा पॉल्यूशन वाला शहर है. दिल्ली की एयर क्वालिटी 268 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है. इसके बाद यूपी की कई सिटीज जैसे- गाजियाबाद, इलाहाबाद, कानपुर और बरेली का नंबर आता है. इसके बाद हरियाणा के फरीदाबाद और राजस्थान के अल्वर की एयर क्वालिटी खराब है. इन सबके बाद नंबर आता है झारखंड के झरिया, रांची, कुसेंदा, बस्टाकोला और बिहार के पटना का.

एयर पॉल्यूशन नहीं है कोई पुख्‍ता इंतजाम-
ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेनर सुनील दहिया का कहना है कि एयर पॉल्यूशन इस समय नेशनल पब्लिक हेल्थ क्राइसिस बनता जा रहा है. हैरान करने वाली बात ये है कि इन रिपोर्ट्स में शामिल शहरों ने पॉल्यूशन से निजात पाने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं. ऐसे में ये सिटीज रहने लायक नहीं हैं.

पॉल्यूशन से होने वाली मौतों का बढ़ा आंकड़ा-
दहिया ने आगे कहा कि आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन देशभर में तंबाकू से होने वाली मौतों के बराबर ही पॉल्यूशन से होने वाली मौतों का आंकड़ा पहुंच गया है. इतना ही नहीं, 2015 में पॉल्यूशन से मरने वालों की संख्या चीन से भी अधिक था.