मोबाइल फोन और कैंसर का कोई लेना-देना नहीं, WHO ने बताया शरीर पर किस चीज से पड़ सकता है असर
रेडियोफ्रीक्वेंसी एक्सपोजर का शरीर पर क्या असर होता है? 'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' ने इस पर विस्तार से अपनी बात रखी है.
मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडियोफ्रीक्वेंसी तरंगें क्या इंसान के शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है? 'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' के मुताबिक फोन के इस्तेमाल करने से ब्रेन कैंसर का कोई संबंध नहीं है. क्योंकि अक्सर यह सवाल किया जाता है कि मोबाइल से निकलने वाली रेडियोफ्रीक्वेंसी तरंगों इंसान के लिए शरीर के लिए काफी ज्यादा हानिकारक है. लेकिन अब WHO ने साफ कर दिया है कि ऐसा कुछ नहीं है मोबाइल का इस्तेमाल शरीर के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है.
WHO ने क्या कहा कैंसर और मोबाइल के बीच कनेक्शन के लेकर?
WHO के मुताबिक मोबाइल फोन के इस्तेमाल और दिमाग कैंसर के बीच कोई लिंक नहीं है, रेडियोफ्रीक्वेंसी शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है. ज्यादा इस्तेमाल शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है. लेकिन इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो जाए इसके कोई सबूत नहीं मिले हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक रिपोर्ट पेश की थी. जिसमें बताया कि मोबाइल फोन के उपयोग और ग्लियोमा और लार ग्रंथि ट्यूमर सहित मस्तिष्क या सिर के कैंसर के बढ़ते जोखिम के बीच कोईसंबंध नहीं पाया गया है.
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इस रिपोर्ट 5 हजार से भी ज्यादा रिसर्च को शामिल किए गए
रिपोर्ट के लेखक केन कारिपिडिस ने खुलासा किया, "हमने निष्कर्ष निकाला है कि साक्ष्य मोबाइल फोन और मस्तिष्क कैंसर या अन्य सिर और गर्दन के कैंसर के बीच कोई संबंध नहीं दिखाते हैं. भले ही मोबाइल फोन का उपयोग बहुत बढ़ गया है, लेकिन मस्तिष्क ट्यूमर की दर स्थिर बनी हुई है. ऑस्ट्रेलियाई विकिरण संरक्षण और परमाणु सुरक्षा एजेंसी (अर्पंसा) के नेतृत्व में, समीक्षा ने इस विषय पर 5,000 से अधिक अध्ययनों की जांच की.
यह एक महत्वपूर्ण विकास है क्योंकि मोबाइल फोन द्वारा उत्सर्जित रेडियोफ्रीक्वेंसी तरंगों के मानव शरीर पर हानिकारक प्रभावों पर व्यापक रूप से चर्चा की गई है, और जबकि यह उन अरबों लोगों के लिए आश्वस्त करने वाली खबर लग सकती है जो रोजाना अपने फोन पर निर्भर रहते हैं, यह एक और महत्वपूर्ण सवाल उठाता है. मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडियोफ्रीक्वेंसी (आरएफ) तरंगों का मानव शरीर पर क्या असर होता है?
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पब्लिक हेल्थ इंटेलेक्चुअल डॉ. जगदीश हिरेमथ ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया कि WHO द्वारा की गई नवीनतम समीक्षा में मोबाइल फोन के उपयोग और मस्तिष्क कैंसर के बीच कोई निर्णायक संबंध नहीं बताया गया है. यह स्वीकार करना आवश्यक है कि RF विकिरण मानव शरीर के साथ विभिन्न तरीकों से संपर्क कर सकता है, जिससे सूक्ष्म लेकिन उल्लेखनीय प्रभाव हो सकते हैं।" कैंसर से परे RF जोखिम के संभावित शारीरिक प्रभाव. बकि RF तरंगों और कैंसर के जोखिम के बीच निश्चित संबंध अनिश्चित बना हुआ है, डॉ. हिरेमथ के अनुसार, इन तरंगों के लंबे समय तक संपर्क में रहने से कई अन्य शारीरिक प्रभाव जुड़े हुए हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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